क्या हर देश में फोन उठाने पर Hello ही बोलते हैं? ये है जवाब अपलोडिंग
एक व्यक्ति दिनभर में कितनी बार हैल्लो बोलता है, उसको शायद ही याद होगा. फोन उठाने से लेकर किसी को फोन करने तक व्यक्ति हैल्लो ही बोलता है.
टेलीफोन पर हैल्लो बोलने की शुरूआत को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. एक कहानी है कि ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम मारग्रेट हेलो था. इसलिए उन्होंने फोन पर बात शुरू करने से पहले हर बार हेलो कहना शुरू किया था.
वहीं अमेरिकन टेलीग्राफ एंड टेलीफोन कंपनी के दस्तावेजों के मुताबिक वो गर्लफ्रेंड वाली कहानी झूठी है. ग्राहम बेल ने Hello शब्द का इस्तेमाल कभी किया ही नहीं था. उन्होंने सबसे पहले अपने असिस्टेंट से बात की थी और उसे फोन पर बोला था, “Come-here. I want to see you.
इसके अलावा कहा जाता है कि ग्राहम बेल टेलीफोन पर बात करते वक्त अहो (Ahoy) का इस्तेमाल करते थे. एक बार थॉमस एडिसन ने Ahoy शब्द को गलत सुन लिया और उन्होंने गलतफहमी में Ahoy के बदले Hello बोल दिया था.
एडिसन ने ही वर्ष 1877 में हेलो बोलने का प्रस्ताव रखा था. पिट्सबर्ग की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलीग्राफ कंपनी के अध्यक्ष टीबीए स्मिथ को उन्होंने लिखा कि टेलीफोन पर स्वागत शब्द के रूप में हेलो का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसके बाद उनके इस प्रस्ताव को मान लिया गया था. उन समय फिर टेलीफोन एक्सचेंज में काम करने वाली ऑपरेटरों को ‘हेलो गर्ल्स’ कहा जाता था.
जानकारी के मुताबिक आज के वक्त दुनियाभर के सभी देशों में फोन करने पर हैल्लो शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है. किसी देश में हैल्लो नहीं बोलने का कोई तथ्य नहीं मिलता है.