कम अपराध, ज्यादा सम्मान… दुनिया के वे देश, जहां महिलाएं महसूस करती हैं सबसे ज्यादा सुरक्षित
सूची में सबसे ऊपर डेनमार्क है और यह स्थान यूं ही नहीं मिला. यहां महिलाओं की सुरक्षा केवल पुलिस की मौजूदगी या कैमरों के हाथ में नहीं, बल्कि नीतियों के हर उस फ्रेम में है जो उन्हें डर से ज्यादा अवसर देता है.
राजनीति से लेकर शिक्षा और कॉरपोरेट निर्णयों तक, महिलाओं के नेतृत्व को यहां सामान्य माना जाता है, विशेष नहीं. लिंग आधारित अपराधों के बेहद कम आंकड़े यह साबित करते हैं कि यहां के कानून सिर्फ लिखे नहीं जाते, उनका पालन भी सख्ती से कराया जाता है.
दूसरे नंबर पर मौजूद आइसलैंड महिलाओं के लिए दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में है. यहां का समाज महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर सबसे ज्यादा जोर देता है.
यहां नौकरियों में महिला भागीदारी यहां सिर्फ ऊंचे आंकड़ों की कहानी नहीं है, बल्कि देश की कार्य-संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. घरेलू हिंसा और भेदभाव के खिलाफ मजबूत कानूनी सुरक्षा, इसे महिलाओं के लिए एक तरह का संरक्षित द्वीप बना देती है.
तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से नॉर्वे और स्वीडन हैं. दोनों देशों में समान अधिकारों को लेकर सामाजिक जागरूकता इतनी गहरी है कि यहां महिलाओं की सुरक्षा का सवाल शायद ही कभी राजनीतिक मुद्दा बनता हो.
राजनीति, न्यायपालिका और प्रशासन में महिलाओं का उल्लेखनीय प्रतिनिधित्व इन देशों की छवि को और मजबूती देता है. यहां न्याय प्रणाली त्वरित है, और सुरक्षा इंतजाम इतने व्यवस्थित कि अपराधी जानता है कि बच निकलना लगभग नामुमकिन है.
पांचवे स्थान पर फिनलैंड महिलाओं के लिए उच्च सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक माना जाता है. संसद से लेकर मंत्रिमंडल तक, महिलाओं की भागीदारी किसी को हैरान नहीं करती. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी सक्षम हैं कि महिलाओं की स्वायत्तता सिर्फ सोच नहीं, व्यवहारिक जीवन का हिस्सा है. सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा इतनी पुख्ता है कि यहां देर रात अकेले सफर करना भी सामान्य है.