Caste Census: 2011 में हुई जनगणना में सामने आए ये आंकड़े आज तक नहीं किए गए जारी, जान लीजिए कारण
भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान जनगणना करने की शुरुआत की गई थी. यह साल 1872 की बात थी जब जनगणना की शुरुआत हुई थी. इसके बाद अंग्रेजों ने 1931 तक जनगणना के दौरान जाति की जानकारी को भी शामिल किया था.
साल 2010 में बड़ी संख्या में सांसदों ने जातिगत जनगणना की मांग थी. उस वक्त देश में कांग्रेस की सरकार थी. वह इसके लिए राजी हुई थी और साल 2011 में जनगणना हुई.
लेकिन इस दौरान जो आंकड़े लिए गए थे उनको सार्वजनिक नहीं किया गया था. कहते हैं कि इस दौरान जाति के आंकड़ों में कई खामियां थीं.
दरअसल एक बड़ी आबादी ने अपनी जाति की पहचान के अलग तरीके चुने थे. किसी ने उपजाति का उल्लेख किया तो समुदाय की पहचान जाति के रूप में की.
साल 2022 में केंद्र सरकार ने संसद में इसके बारे में बात की थी. सरकार का कहना था कि 2011 में जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी करने का सरकार का कोई प्लान नहीं है.
वहीं साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक शपथ पत्र में केंद्र सरकार ने कहा था कि साल 2011 में जो जाति जनगणना हुई उसमें कई खामियां थीं.
साल 2011 में हुई जाति जनगणना के आंकड़ों में काफी गलतियां थीं और यह अनुपयोगी थी.