अगर HIV संक्रमित व्यक्ति का खून चूसकर किसी दूसरे व्यक्ति को काट ले मच्छर, क्या तब भी हो जाएगा एड्स
बता दें कि HIV एक वायरस है, जो मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और समय के साथ एड्स का कारण बन सकता है.
यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खून, यौन संपर्क या मां से बच्चे में गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान फैलता है.
लेकिन मच्छर HIV वायरस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक नहीं फैला सकते. इसका कारण मच्छरों की जैविक प्रक्रिया में छिपा है.
जब कोई मच्छर किसी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को काटता है, तो वायरस 1-2 दिन बाद खत्म हो जाता है जो कि मच्छर को खून पचाने में लगने वाला समय है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने भी इस बात की पुष्टि की है कि मच्छर HIV के वाहक नहीं हो सकते.
डेंगू या मलेरिया जैसे रोगों में मच्छर वायरस या परजीवी को अपने शरीर में पनपने देते हैं और फिर उसे अगले व्यक्ति में स्थानांतरित करते हैं. लेकिन HIV के मामले में ऐसा नहीं होता.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट बताती है कि मच्छरों के काटने से दुनियाभर में हर साल करीब 7 लाख लोगों की मौत हो जाती है.