वो युद्ध जो 20 साल तक चला, इस देश पर हर 8 मिनट में गिरा एक बम, गई थी लाखों लोगों की जान
वियतनाम युद्ध, शीतयुद्ध काल में वियतनाम, लाओस और कंबोडिया की धरती पर लड़ी गई एक विनाशकारी लड़ाई थी. यह लड़ाई साल 1955 में शुरू होकर 1975 में जाकर खत्म हुई थी. यह युद्ध उत्तरी वियतनाम और दक्षिण वियतनाम की सरकार के बीच हुआ था. इस युद्ध को 'द्वितीय हिंद-चीन युद्ध' भी कहा जाता है.
उत्तरी वियतनाम की सेना को चीनी जनवादी गणराज्य और अन्य साम्यवादी देशों से समर्थन प्राप्त था.वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका और मित्र देशों के साथ कंधे से कंधा मिला कर लड़ रही दक्षिणी वियतनाम की सेना थी. युद्ध तब और भी भयानक तब हो गया था जब लाओस देश ने उत्तरी वियतनाम की सेना को अपनी धरती पर लड़ाई के लिए इजाजत दे दी थी.
लाओस की इस हरकत से अमेरिका बौखला गया और उसने वायुसेना के जरिए दक्षिण पूर्व एशिया के इस छोटे से देश लाओस पर बमों की जैसे बरसात ही कर दी. कहते हैं कि अमेरिका ने साल 1964 से लेकर 1973 तक पूरे 9 साल लाओस पर हर आठ मिनट में बम गिराए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने प्रतिदिन करीब 15 करोड़ रुपये के हिसाब से सिर्फ और सिर्फ लाओस पर बमबारी करने में ही खर्च कर दिए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1964 से 1973 तक अमेरिका ने वियतनाम पर करीब 260 मिलियन यानी 26 करोड़ क्लस्टर बम दागे थे. एक अनुमान के मुताबिक, इस भीषण युद्ध में 30 लाख से भी ज्यादा लोग की मौत हुई थी. इसमें 50 हजार से ज्यादा अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं.
कई लोगों का कहना है कि इसमें अमेरिका की हार हुई थी, जबकि कई विशेषज्ञों का कहना है कि 20 साल तक चले इस भीषण युद्ध की वजह से अमेरिकी सरकार को अपने ही लोगों और अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद वह युद्ध से पीछे हट गया था. उसके बाद कम्युनिस्ट मित्रों का समर्थन प्राप्त उत्तरी वियतनाम की सेना ने देश के सबसे बड़े शहर साइगोन पर कब्जा कर लिया और इसी के साथ साल 1975 में यह भीषण युद्ध समाप्त हुआ था.