✕
  • होम
  • इंडिया
  • विश्व
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
  • बिहार
  • दिल्ली NCR
  • महाराष्ट्र
  • राजस्थान
  • मध्य प्रदेश
  • हरियाणा
  • पंजाब
  • झारखंड
  • गुजरात
  • छत्तीसगढ़
  • हिमाचल प्रदेश
  • जम्मू और कश्मीर
  • बॉलीवुड
  • ओटीटी
  • टेलीविजन
  • तमिल सिनेमा
  • भोजपुरी सिनेमा
  • मूवी रिव्यू
  • रीजनल सिनेमा
  • क्रिकेट
  • आईपीएल
  • कबड्डी
  • हॉकी
  • WWE
  • ओलिंपिक
  • धर्म
  • राशिफल
  • अंक ज्योतिष
  • वास्तु शास्त्र
  • ग्रह गोचर
  • एस्ट्रो स्पेशल
  • बिजनेस
  • हेल्थ
  • रिलेशनशिप
  • ट्रैवल
  • फ़ूड
  • पैरेंटिंग
  • फैशन
  • होम टिप्स
  • GK
  • टेक
  • ऑटो
  • ट्रेंडिंग
  • शिक्षा

सुंदर होने के अलावा मोरों में क्या-क्या होती है विशेषता, जो उन्हें बनाती है सबसे अलग

एबीपी लाइव   |  09 Jan 2024 10:34 PM (IST)
1

दुनिया में मोर को सबसे ज्यादा उसकी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. दक्षिण एशिया में पाए जाने वाले मोर भारत की संस्कृति और हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखते हैं. बता दें कि वैज्ञानिक तक ऐसा मानते हैं कि मोर सबसे पहले भारत में विकसित हुए थे.

2

मोर और मोरनी के अंग्रेजी में अलग अलग नाम होते हैंत मोर को पीकॉक और मोरनी को पीहेन कहा जाता है. वहीं दोनों के लिए पोफाउल नाम है. अगर आपको लगता है कि खूबसूरत पंखों वाला जानवर मोर और मोरनी दोनों होते हैं तो ऐसा नहीं है. क्योंकि फैले हुए और लंबे पंख केवल मोर के यानी नर के होते हैं.

3

मोरनी के अंडा देने के बाद महीनों बाद बच्चे बाहर आते हैं. शुरू में नर और मादा दोनों ही एक से लगते हैं. यहां तक कि नर यानी मोरों में पंखों का विकास शुरुआती तीन महीनों मे नहीं होता है और तीन साल की उम्र तक आने पर ही वे बड़े और अच्छे दिख पाते हैं. इसके अलावा मिलाप के हर मौसम के अंत में मोर के पंख झड़ते हैं और अगले मौसम से पहले फिर ऊग आते हैं.

4

मोर की किलंगी मोरनी को आकर्षित करती है. नर और मादा दोनों में ये कलंगी ताज की तरह दिखती है. लेकिन मोरनी की कलंगी ज्यादा सुंदर और आकर्षक होती है. ये कलंगी एक तरह का सेंसर भी होते है, क्योंकि नर और मादा दोनों कलंगी के जरिए भावनाओं को महसूस करते हैं.

5

मोरनी के बारे में एक रोचक तथ्य यह है कि वे अधिक उम्र में मोर की तरह पंख विकसित करने लगती हैं और उनकी आवाज भी मोर की तरह होने लगती हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि जब मोरनी की उम्र अधिक हो जाती है तो उनकी ओवरी एस्ट्रोजन बनाना बंद कर देती है. इससे वे मोर की तरह दिखने और सुनाई देने लगती हैं.

6

दुनिया में बहुत कम संख्या में ऐसे मोर भी हैं, जो पूरी तरह से सफेद होते हैं. उनमें रंगहीनता का गुण तो नहीं होता है. कई सफेद मोरों में ल्यूसिज्म जैसी जेनेटिक कंडीशन से उनके पंखों का रंग चला जाता है. सफेद मोरों की संख्या बहुत कम है.

7

मोर उड़ने के लिए अपनी पूंछ का उपयोग करते हैं. वे केवल कम दूरी तक ही उड़ पाते हैं. वे करीब 8 फुट से अधिक नहीं उड़ पाते हैं. जानकारी के मुताबिक दिन भर में भी वे करीब 300 फुट से ज्यादा नहीं उड़ते हैं. इस वजह से उन्हें उड़ते हुए ज्यादा देखा नहीं जाता है.

  • हिंदी न्यूज़
  • फोटो गैलरी
  • जनरल नॉलेज
  • सुंदर होने के अलावा मोरों में क्या-क्या होती है विशेषता, जो उन्हें बनाती है सबसे अलग
About us | Advertisement| Privacy policy
© Copyright@2025.ABP Network Private Limited. All rights reserved.