सैन्य विमानों में कितने होते हैं पैराशूट, क्या कुछ फाइटर जेट के लिए अलग से बनते हैं पैराशूट?
किसी भी देश की सुरक्षा में वायुसेना का महत्वपूर्ण योगदान है. यही कारण है कि वायुसेना में विमानों के साथ उनके पायलटों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है. हालांकि कई बार अलग-अलग कारणों से वायुसेना के विमान भी क्रैश हो जाते हैं.
अभी हाल ही में मध्य-प्रदेश के शिवपुरी में भी एयरफोर्स का एक फाइटर प्लेन क्रैश होकर खेतों में जाकर गिरा था. हालांकि इस दौरान फाइटर प्लेन में सवार दोनों पायलटों ने बहुत सूझबूझ से अपनी जान बचाई थी.
प्लेन क्रैश होने के समय पायलट ने उसे रिहायशी इलाकों से दूर खेत में लेकर गए थे. जहां दो पायलटों ने खुद की भी जान पैराशूट के जरिए बचाया था.
बता दें कि फाइटर जेट्स या सैन्य हवाई जहाजों में बैठे लोगों की सुरक्षा का बहुत ध्यान रखा जाता है.
यही कारण है कि सैन्य विमानों में मौजूद हर यात्री के लिए पैराशूट होता है. आपातकाल स्थिति में इन पैराशूट का इस्तेमाल करके वो जमीन पर उतर सकते हैं.
इतना नहीं विशेष फाइटर जेट के लिए अलग से पैराशूट भी डिजाइन किया जाता है. क्योंकि तेजस मार्क जैसे फाइटर जेट की स्पीड 2200 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक होती है. इसलिए इनके पैराशूट भी खास बनते हैं.
बता दें कि भारत के तेजस मार्क 1A फाइटर जेट के लिए कानपुर में पैराशूट बन रहे हैं. वो पैराशूट इन्हें खतरा महसूस होने पर 2205 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड और 50,000 फीट की ऊंचाई से भी सुरक्षित लाने में सक्षम होंगे.