'रामायण' के सेट पर 'हनुमान' को नहीं मिलता था खाना, शूटिंग के दौरान उठना-बैठना भी होता था मुश्किल
रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर बताते हैं कि उनके पिता एक पागल आदमी की तरह काम करते थे. वो अचानक सीन डायलॉग बदल देते थे. इसके लिए वो पूरी टीम को रात 3-4 बजे जगा देते ताकि सुबह का सीन अच्छे से शूट हो पाए.
उन्होंने बताया कि शो में हनुमान जी का किरदार करने वाले दारा सिंह को 8-9 घंटों तक खाना नहीं मिलता था, क्योंकि उनका मेकअप इतना कॉम्प्लेक्स था कि बार-बार मेकअप करना पॉसिबल नहीं था.
दारा सिंह जब हनुमान के गेटअप में होते थे तो उनकी पूंछ को लेकर दूसरे डिजाइन की चेयर मंगाई गई थी. इस स्पेशल स्टूल में कट था जिससे उनके पूंछ रखने की जगह मिल जाती थी.
शो में हनुमान जी के गेटअप में आने के लिए दूसरे एक्टर्स के मुकाबले दारा सिंह को ज्यादा समय लगता था. करीब 3 से 4 घंटों का समय लग जाता था क्योंकि उस समय सारा मेकअप हाथों से किया जाता था.
प्रेम ने आगे बताया कि रामायण की शूटिंग के लिए वानर सेना का सबसे ज्यादा चैलेंजिंग वाला टास्क होता था. इस सेना को दिखाने के लिए हर रोज 400 से 500 लोगों की जरूरत पड़ती थी.
वानर सेना के गेटअप पर मास्क तैयार करने के लिए प्लास्टिक, रबड़ या फिर सूखे नारियल की खोल का इस्तेमाल किया जाता था. नारियल को सुखाकर उसका छिलका और खोल का वानर सेना के चेहरे के लिए यूज होता था.
उन्होंने बताया कि उस समय किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी, वीएफएक्स या डिजिटल टूल्स नहीं थे फिर भी ऑडियन्स को सीन काफी ज्यादा असली लगता था.