हां, मैं Asexual हूं! सीना ठोक कर जब कुमकुम भाग्य की प्रज्ञा ने किया था बड़ा खुलासा? बजी थीं खूब तालियां
सृति झा ने अपने करियर में कई तरह की भूमिकाएं निभाई हैं. लेकिन, एक फेस्ट के दौरान उन्होंने एक कविता सुनाई जिसे सुन हर कोई दंग रह गया.
सृति ने 2020 में अपनी कविता 'कंफेशंस ऑफ ए रोमांटिक एसेक्सुअल' यानी एक रोमांटकि एसेक्सुअल का इकबालिया बयान के जरिए अपनी उलझन को लोगों के सामने शेयर किया.
सृति की ये कविता सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई और इसे काफी पसंद किया गया.
लोगों ने इस कविता के बाद ये समझना शुरू कर दिया कि ये कहानी सृति की है और रियल लाइफ में वो Asexual हैं.
हालांकि, Indianexpress.com से बात करते हुए सृति ने कहा कि ये कविता उनके बारे में नहीं थी.
एक्ट्रेस ने कहा कि ये कविता मैंने LGBTQ समुदाए के बारे में लिखी. मैं समझ सकती हूं कि ये प्रथम व्यक्ति में लिखी गई थी, ऐसे में लोगों को लगा कि ये मेरे बारे में है.
सृति की कविता में एक लाइन थी जो काफी पॉपुलर हुई और वो ये थी,'मुझे प्यार से परहेट नहीं है.न ही मुझे किस करने से, गले लगाने से या बालों में अंगुलिया फेरना पसंद नहीं है. ये सब मुझे पसंद है. लेकिन फिजिकल होना, ये मैं नहीं हूम. इसको लेकर मेरी जिज्ञासा नहीं है. और मैं यही हूं.