Year Ender 2025: 'छावा' से लेकर 'स्काई फोर्स' तक ये ऐतिहासिक फिल्में छाई रहीं इस साल
साल 2025 बॉलीवुड के लिए कुछ अलग कुछ बड़ा और बेहद यादगार साबित हुआ है. इस साल फिल्ममेकर्स ने रोमांस और मॉडर्न स्टोरीज से हटकर हिस्ट्री की तरफ रुख किया और पीरियड ड्रामा को नए लेवल पर ले गए.
बड़े पर्दे पर योद्धाओं की बहादुरी, पॉलिटिकल ड्रामा और ऐतिहासिक संघर्षों को ऐसे पेश किया गया कि ऑडियंस पर्दे से नजरें नहीं हटा पाई.
2025 में रिलीज हुई ‘स्काई फोर्स’, ‘इमरजेंसी’, ‘छावा’ और ‘द बंगाल फाइल्स’ जैसी फिल्मों ने लोगों को इतिहास के उन चैप्टर्स से मिलवाया जिनके बारे में बहुत कम चर्चा होती रही है. इन फिल्मों ने न सिर्फ एंटरटेन किया बल्कि हिस्ट्री के बारे में सोचने पर भी मजबूर कर दिया.
साल की शुरुआत जनवरी में ही दो मेजर रिलीज के साथ हुई थी. 17 जनवरी को आई ‘इमरजेंसी’ ने 1975-77 के आपातकाल की कहानी को बड़े पर्दे पर उतारा था.
कंगना रनौत ने फिल्म का डायरेक्शन किया और लीड रोल में इंदिरा गांधी के किरदार को निभाया भी था. फिल्म में अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन और दिवंगत सतीश कौशिक जैसे स्ट्रॉन्ग एक्टर्स नजर आए हैं.
फिल्म काफी कंट्रोवर्सी में रही लेकिन उस दौर की पॉलिटिकल रियलिटी को दिखाने के लिए खूब चर्चा में भी रही है.
इसके ठीक एक हफ्ते बाद 24 जनवरी को रिपब्लिक डे वीकेंड पर रिलीज हुई ‘स्काई फोर्स’.
1965 के इंडिया-पाक वॉर पर बेस्ड इस वॉर ड्रामा ने इंडियन एयर फोर्स की बहादुरी को स्क्रीन पर शानदार तरीके से दिखाया है. अक्षय कुमार लीड रोल में नजर आए हैं.
जबकि वीर पहाड़िया, निमरत कौर और सारा अली खान ने अहम रोल निभाए हैं. फिल्म की स्टोरी, एक्शन और देशभक्ति ने ऑडियंस को इमोशनल कर दिया था.
वैलेंटाइंस डे पर रिलीज हुई ‘छावा’ ने तो मानो बॉक्स ऑफिस पर इतिहास ही रच दिया हो. लक्ष्मण उतेकर के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज की लाइफ स्टोरी पर बनाई गई है.
विक्की कौशल की इंटेंस परफॉर्मेंस, रश्मिका मंदाना का ग्रेसफुल रोल और अक्षय खन्ना का औरंगजेब अवतार लोगों के दिल में बस गया. एआर रहमान का पावरफुल म्यूजिक और ग्रैंड विजुअल्स ने इसे साल की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर बना दिया है.
साल के आखिरी फेज में 5 सितंबर को आई ‘द बंगाल फाइल्स’ ने भी खूब सुर्खियां बटोरी.
विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म कंट्रोवर्सी में रही लेकिन हिस्टॉरिकल ट्रुथ दिखाने के लिए इसे सराहा गया था.