कभी रेंट भरने के लिए फिल्मों में करती थीं काम, फिर बनीं बॉलीवुड की ग्लैमर क्वीन और नवाब की बेगम, पहचाना?
इसपर इंडिया टुडे से बातचीत में शर्मिला ने कहा कि, ‘हम कभी प्रोफेशनल के तौर पर पैसों के लिए फिल्म साइन करते हैं ताकि घर का किराया भर सकें.’
इसपर इंडिया टुडे से बातचीत में शर्मिला ने कहा कि, ‘हम कभी प्रोफेशनल के तौर पर पैसों के लिए फिल्म साइन करते हैं ताकि घर का किराया भर सकें.’
शर्मिला ने आगे कहा कि, ‘कभी कभी हम किसी ऐसे सहकर्मी की मदद के लिए भी फिल्में करते हैं जो सोचता है कि हमारे फिल्म में होने से फिल्म अच्छा काम करेगी. मैंने कई वजहों से फिल्में की हैं. मैंने कई फिल्में इसलिए की हैं क्योंकि मुझे इनकी स्क्रिप्ट अच्छी लगी.’
शर्मिला टैगोर ने इस दौरान अपनी निजी लाइफ और बच्चों को लेकर भी बात की. शर्मिला ने कहा कि, ‘आज जहां मैं हूं, मेरे बच्चे अपनी जिंदगी में सैटल हो चुके हैं. उनके अपने बच्चें हैं और उनका ध्यान अपने बच्चों पर है. मुझे ये ठीक लगता है क्योंकि मैं अपनी जिंदगी में जो चाहूं वो कर सकती हूं. कुछ भी अच्छा, कुछ भी अलग.’
शर्मिला टैगोर ने कहा कि, ‘मुझे अपनी लाइफ को लेकर कोई पछतावा या अपराधबोध नहीं है. क्योंकि महिलाओं को कई बार अपराधबोध के भाव से जूझना पड़ता है लेकिन एक उम्र के बाद इसके कोई मायने नहीं रह जाते. आपको लगता है मैं फ्री हूं और ये काफी अच्छा भी है.’
बता दें कि शर्मिला टैगोर की पहली बॉलीवुड फिल्म ‘कश्मीर की कली’ थी. जो साल 1964 में रिलीज हुई थी. एक्ट्रेस की पहली ही फिल्म सुपरहिट रही थी.
शर्मिला ने क्रिकेटर मंसूर अली खान से शादी की थी. शादी के बाद वो तीन बच्चों सबा अली खान, सैफ अली खान और सोहा अली खान की मां बनी.