'मैं पैदा हुई तो लोग नहीं थे खुश, मुंह बिगाड़ कर कहते..' तृप्ति डिमरी का छलका दर्द
तृप्ति डिमरी ने हाल ही में नवभारत टाइम्स को इंटरव्यू दिया , जिसमें उन्होंने अपनी लाइफ में हुए डिस्क्रिमिनेशन पर खुलकर बात की.
एक्ट्रेस ने कहा कि मैंने अपने परिवार में डिस्क्रिमिनेशन देखा है. जब मैं थोड़ी बड़ी हुई तो मुझे पता चला कि मेरे जन्म के वक्त लोग खुश नहीं थे.
वो लोग मुंह बिगाड़ कर कहा करते थे, अरे लड़की पैदा हो गई. कई बार तो रिश्तेदारी में देखने को मिलता अगर परिवार में दो-तीन बेटियां हो जाती थीं तो अगले बेटे के लिए दबाव बनाया जाता था.
लोगों का कहना होता था कि बेटा होना जरूरी है, वरना वंश कैसे बढ़ेगा. पढ़े-लिखे होने के बाद भी लोग ईगो की वजह से इंसान को इंसान नहीं समझते.
तृप्ति ने कहा कि अपने आस-पास मैंने ऊंच-नीच और अमीरी-गरीबी का भेदभाव देखा है.
तृप्ति ने कहा कि मैंने देखा है लोग जब बाहर खाना खाने जाते हैं तो अपनी हाउसहेल्प के संग कैसा व्यवहार करते हैं.
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लोग कई बार जानवरों के संग भी दुर्व्यवहार करते हैं.हालांकि, ये चीजें आपके नियंत्रण में नहीं होती. लेकिन पढ़कर ऐसा लगता है कि ये खत्म कब होंगी.