'मुन्नाभाई एमबीबीएस' में 'सर्किट' बनने के सालों बाद अरसद वारसी ने किया बड़ा खुलासा, बोले- 'मैंने लिया था बड़ा रिस्क'
बॉलीवुड एक्टर अरशद वारसी फिल्मों में भले ही कितने किरदार कर लें लेकिन उनका 'सर्किट' वाला रोल यादगार है. फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस (2004) उनके करियर की बेस्ट फिल्म है जिसके बारे में एक्टर ने कुछ खुलासे किए हैं.
अरशद वारसी ने अपने आइकॉनिक रोल के बारे में कुछ खुलासे किए हैं जो हर फैंस जानना चाहता होगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अरशद वारसी ने संजय दत्त और फिल्म के निर्देशक राज कुमार हिरानी की तारीफ की है.
एक्टर ने कहा, 'तुम देखो, वो रोल क्या था? विलेन के पीछे चार-पांच लुक्खे खड़े होते हैं ना, उनमें से मैं एक था तुम बताओ कितने ऐसे रोल लोगों को याद रहते हैं?' जब एक्टर से पूछा गया कि सर्किट करने के बाद उनके करियर में क्या टर्निंग प्वाइइंट आया.
अरशद वारसी ने कहा, 'वो एक रिस्क था जो मैंने लिया. ये मेरा सौभाग्य था कि राजू जैसे डायरेक्टर और संजू जैसे को-एक्टर मेरे साथ थे. विधु विनोद चोपड़ा ने मुझसे साफतौर पर कह दिया था कि मुझे पीछे खड़े गुंडे का रोल करना है जिसके काफी कम लाइंस हैं. लेकिन संजू और राजू ने मुझे मेरे रोल को फ्री होकर करने को कहा और काफी सपोर्ट भी किया.'
अरशद वारसी ने कहा कि संजय दत्त के साथ उनके काफी अच्छे बॉन्ड हैं. उन्होंने संजय दत्त को लेकर कहा, 'वह एक महान इंसान हैं. बहुत अच्छे हैं. मैंने उन्हें बहुत मजबूत देखा है और जो भी वो करते हैं उसे सोच-समझकर करते हैं. वो मुझे मैसेज भेजते थे ब्रो, आई मिस यू. जब वो बाहर जाते थे मुझे मैसेज करके पूछते थे भाई मैं इस जगह हूं, तुम्हे कुछ चाहिए.'
अरशद वारसी ने 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' के अलावा संजय दत्त के साथ 'लगे रहो मुन्नाभाई' जैसी फिल्म भी की. इनकी जोड़ी पर्दे पर खूब पसंद की जाती है और फैंस अब मुन्नाभाई का तीसरा पार्ट भी देखना चाहते हैं.
बता दें, अरशद वारसी ने 90's में कई फिल्में की थीं लेकिन फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस से उनका करियर अलग टर्निंग प्वाइंट पर गया. इसके बाद उन्होंने कई सारी सुपरहिट फिल्मों में काम किया है.