Rupauli By Elections 2024: जो पहले थीं खिलाफ, अब उन्हीं को मिला पप्पू यादव का साथ; समझें- मजबूरी के पीछे की बात
बिहार में रुपौली विधानसभा का उप-चुनाव तब बड़ा रोचक हो गया, जब बीमा भारती को पप्पू यादव का समर्थन हासिल हो गया. यह वही राजद नेत्री हैं, जो कभी पप्पू यादव के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं.
31 जून, 2024 को पटना में बीमा भारती ने पप्पू यादव से भेंट की थी. उन्होंने तभी उप-चुनाव के लिए उनसे सपोर्ट मांगा था. हफ्ते भर बाद पप्पू यादव ने बीमा भारती को समर्थन (उप-चुनाव में) दे दिया.
पप्पू यादव की ओर से कहा गया कि रूपौली की जनता अपनी बेटी को जिताए. अगर किसी तरह की गलती भी हुई होगी तो उसको क्षमा करेंगे. हम कांग्रेस की विचारधारा संग हमेशा रहे हैं और आगे भी रहेंगे.
रूपौली में 10 जुलाई, 2024 को मतदान है. चुनाव प्रचार थमने से ऐन पहले पप्पू यादव ने न सिर्फ सियासी पत्ते खोल दिए बल्कि बिहार में पूर्णिया की राजनीति में भी नया सामाजिक समीकरण खड़ा कर दिया.
बिहार के सियासी गलियारों में अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वह कौन सी राजनीतिक मजबूरी है, जिसकी वजह से पप्पू यादव ने अपनी ही सियासत को चोट पहुंचाने वाली बीमा भारती को समर्थन दिया है.
जिस रुपौली विस सीट पर उपचुनाव है, वहां गंगोता जाति की संख्या सबसे ज्यादा (करीब 25% के आस-पास) है. आरजेडी की बीमा भारती और जेडीयू के कलाधर मंडल दोनों इसी गंगोता जाति से नाता रखते हैं.
कलाधर मंडल को जनता दल (यूनाइटेड) ने पहली बार टिकट दिया है, जबकि बीमा भारती के पति अवधेश मंडल की कुख्यात छवि है. पुलिस मौजूदा समय में हत्या के मामले में उन्हें (अवधेश मंडल) को ढूंढ रही है.
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से कहा गया है कि पप्पू यादव ने राजद के मुखिया और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है.
लोकसभा चुनाव 2024 में बीमा भारती पूर्णिया से आरजेडी प्रत्याशी थीं. पप्पू यादव इसी सीट से कांग्रेस से टिकट चाहते थे. हालांकि, लालू यादव ने वीटो लगा दिया, जिससे पप्पू यादव उम्मीदवार नहीं बन पाए.
यही वजह रही कि पप्पू यादव को निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा था. वैसे, अच्छी बात यह रही कि उन्हें निर्दलीय लड़ने के बाद भी जीत हासिल हुई, जबकि आरजेडी की बीमा भारती तीसरे नंबर पर चली गई थीं.
पूर्णिया में पप्पू यादव को साढ़े पांच लाख से अधिक वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर जेडीयू के संतोष कुशवाहा रहे. उन्हें 5 लाख 43 हजार वोट मिले और बीमा भारती तीसरे नंबर (27 हजार वोट) पर रहीं थीं.