CM Yogi Adityanath: CM योगी की कुर्सी को लेकर क्यों BJP में हुआ विवाद? RJD सांसद मनोझ झा ने बताई अंदर की बात
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में मची घमासान पर विरोधी जमकर मजे ले रहे हैं. पूरे मेथड की क्रोनोलॉजी को समझाने लगे हैं. आरजेडी के सीनियर नेता मनोज झा बताते हैं कि लड़ाई केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्यनाथ के बीच नहीं है, बल्कि यह लड़ाई गुजरात और उत्तर प्रदेश के बीच की है, यानी कि अमित शाह और योगी के बीच की.
उन्होंने बताया की लड़ाई 2027 नहीं बल्कि 2029 की है. झा का कहना है कि वॉर ऑफ पोजिशन हैं. मनोज झा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दो व्यक्ति गुजरात के हैं जो की दोनों ही 2029 को लीड कर रहे हैं और इसकी कहानी 2027 से शुरू होती है. 2027 और 2019 एक ही गुत्थी में हैं.
कुछ दिन पहले दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी चुनाव के दौरान इसी तरह का बड़ा बयान दिया था, जिसमें उन्होंने सीएम योगी को हटाए जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि मोदी और योगी आदित्यनाथ को टिकने नहीं देंगे.
यूपी कार्यकारिणी बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने एक बयान दिया था, जिसके बाद से ही यूपी की सियासत में बवाल मचा हुआ है. उन्होंने बैठक के दौरान कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा होता है. बस फिर क्या था, विपक्षियों को एक बार फिर से यूपी सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया था.
मौर्य के बयान के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक खींचतान शुरू हो गई है. लोकसभा चुनाव के बाद नेताओं में जो आग भड़क रही थी, केशव प्रसाद मौर्य के संगठन वाले बयान ने उस पर घी डालने का काम किया. इस पूरे मामले में केंद्र में योगी आदित्यनाथ आ जाते हैं, जिसके बाद केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली जाते हैं.
कहा जा रहा था कि दिल्ली में नड्डा से मुलाकात के बाद केशव प्रसाद मौर्य थोड़ा नरम होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद भी वह अपने बयान पर अड़े रहे, लेकिन इन सब के बीच आरजेडी नेता मनोज झा का कहना है कि ये लड़ाई योगी और मौर्य की नहीं बल्कि शाह और योगी की है.
अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में यूपी की सियासत में क्या बदलाव आते हैं. ये बात कितनी सही होती है, ये तो आने वाला समय ही बताएगा और इससे 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर क्या असर होगा ये भी देखना दिलचस्प होगा.