Quota Row: बनी-बनाई NDA सरकार में पड़ेगी टूट? 2 अहम सहयोगी अलग-अलग लाइन पर, BJP को बुरा उलझाया!
पूरा मामला कोटा के अंदर कोटा से जुड़ा हुआ है. बीजेपी की ओर से फिलहाल इसपर साफ स्टैंड नहीं लिया गया है.
इस बीच, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के दो अहम घटक दलों के नेता कोटा के भीतर कोटा पर स्पष्ट नजर आए.
रोचक बात है कि दोनों ही फिलहाल बीजेपी के अहम सहयोगी हैं और उन्होंने मुद्दे पर बिल्कुल विपरीत राह पकड़ी है.
पहला घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी है, जिसके अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा पेंच फंसा दिया है.
चिराग पासवान ने न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया बल्कि वहां रिव्यू पिटिशन भी डालने की बात कही.
दूसरा सहयोगी दल तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी) है, जिसके चीफ चंद्रबाबू नायडू (फिलहाल आंध्र प्रदेश के सीएम) हैं.
चंद्रबाबू नायडू की बात करें तो उनके नेतृत्व वाली सरकार ने आंध्र प्रदेश में आरक्षण देने का काम शुरू कर दिया है.
ऐसे में बीजेपी के दोनों अहम घटक दलों ने अपनी-अपनी लाइन लेते हुए बीजेपी के लिए बड़ी उलझन पैदा कर दी है.
सियासी गलियारों में राजनीतिक एक्सपर्ट्स और अन्य लोगों के बीच चर्चा है कि इस तरह बीजेपी बुरी तरह फंस गई है.
हालांकि, बीजेपी इस पूरे मसले को हैंडल करेगी, यह तो समय ही बताएगा पर फिलहाल उसके लिए यह एक चिंता है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में राज्यों को अनुसूचित जातियों के आरक्षण में क्रीमी लेयर बनाए जाने की अनुमति दे दी गई है.