कटेंगे-बटेंगे पर NDA में रार, अब फडणवीस पर अजित पवार ने किया पलटवार!
मुंबई की रैली में अजित पवार और एनसीपी के अन्य प्रमुख नेताओं का न होना ये दर्शाता है कि अब दोनों के बीच दूरी बढ़ रही है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि महायुति के भीतर कुछ गहरी असहमति हो सकती है.
अजित पवार के बारे में देवेंद्र फडणवीस ने कहा मुझे लगता है कि उन्होंने दशकों तक ऐसे विचारों के साथ समय बिताया है जो सेक्युलरिज्म को मानते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि ये हिंदू विरोधी है. उनके लिए हिंदुत्व का विरोध ही सेक्युलरिज्म है. वे ऐसे लोगों के साथ रहे हैं इसलिए उन्हें जनता के राष्ट्रवादी विचार को समझने में थोड़ा समय लगेगा खासकर 'बंटेंगे तो कटेंगे' जैसे नारों के संदर्भ में.
अजित पवार का गौतम अडानी पर दिया गया बयान जो एक इंटरव्यू में सामने आया. इसने उनके और भाजपा के बीच की दूरी को और बढ़ा दिया. यह बयान राजनीतिक विवाद का कारण बन सकता है.
सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से दिया गया विवादित बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे' भी इस अंतर को और गहरा कर सकता है जिससे अजित पवार का भाजपा से दूरी बनाना और भी स्पष्ट हो गया.
मुंबई रैली में पीएम मोदी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ये महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उनकी आखिरी सभा है. साथ ही उन्होंने महायुति को पूरे महाराष्ट्र से आशीर्वाद मिलने का दावा किया.
महायुति की रैली में एनसीपी के उम्मीदवार जैसे सना मलिक, नवाब मलिक और जीशान सिद्दीकी का न होना ये संकेत देता है कि एनसीपी और महायुति के बीच मतभेद बढ़ रहे हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अन्य सहयोगी दल शामिल हैं. 288 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. हालांकि इन दलों के बीच आंतरिक मतभेदों के कारण यह गठबंधन कमजोर हो सकता है.
अजित पवार ने नवाब मलिक को टिकट देने के निर्णय का बचाव किया. उनका कहना था कि नवाब मलिक पर लगे आरोप कोर्ट में साबित नहीं हुए हैं और आरोपों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.