महाराष्ट्र के MLC चुनाव में NDA पर खतरा, क्या उद्धव ठाकरे का दांव पलट देगा पूरी बाजी?
चुनावी माहौल के बीच टूट के डर से बड़े सियासी दलों ने विधायकों को होटल में शिफ्ट कर दिया है. माना जा रहा है कि सबसे अधिक खतरा एनडीए के विधायकों में है.
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठजोड़ (बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी) ने इस चुनाव के लिए कुल नौ उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं.
महायुति को निर्दलीय और कुछ और विधायकों का भी समर्थन है. ऐसे में अगर इनके सभी विधायक एकजुट रहे तो महायुति के ये सभी नौ उम्मीदवार चुनाव जीत सकते हैं.
हालांकि, महाअघाड़ी गठबंधन ने तीन उम्मीदवार उतारकर तोड़-फोड़ की आशंका बढ़ा रखी है और यही वजह है कि महाराष्ट्र में होटल पॉलिटिक्स देखने को मिल रही है.
महायुति निर्दलीयों के भरोसे है. छोटे दलों के समर्थन से महाअघाड़ी दो सीट जीत सकती है पर तीसरी सीट के लिए शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने मिलिंद नार्वेकर को उतारा है.
महाराष्ट्र में विधानसभा के कुल 288 सदस्य हैं, जबकि मौजूदा समय में वहां 274 विधायक हैं. वहां विधान परिषद की एक सीट जीतने के लिए 23 विधायक चाहिए होते हैं.
चाहे राज्यसभा इलेक्शन हों या विधान परिषद के चुनाव हों...महाराष्ट्र में क्रॉस वोटिंग की बड़ी पुरानी परंपरा रही है और पिछले कुछ सालों में यह एक ट्रेंड सा बन चुका है.
राज्य में हो रहे इस चुनाव में असल सियासी टक्कर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के प्रत्याशियों के बीच मानी जा रही है.
सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि महाराष्ट्र के इन चुनावों में शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरदचंद्र गुट) की जीत का आधार फिलहाल कांग्रेस पर टिका हुआ है.