Lok Sabha Elections 2024: BJP को इस बार होगा तगड़ा घाटा? PM नरेंद्र मोदी का नाम ले प्रशांत किशोर ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी
वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त को दिए इंटरव्यू के दौरान पीके ने दावा किया कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी को लोगों में जो उत्साह रहता था, वह पिछले 10 साल में निराशा और नाराजगी की ओर बढ़ा है. इसके लिए विपक्ष के किसी प्रयास की जरूरत नहीं है.
'मोजो स्टोरी' नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो में 'जन सुराज' के संस्थापक बड़ा अनुमान जताते दिखे. वह बोले, मेरा मानना है कि चुनावी नतीजों के बाद आपको लोगों में बेचैनी नजर आएगी और जन आंदोलन भी होंगे.
मूल रूप से बिहार के रहने वाले पीके ने यह भी बताया कि उनकी भविष्यवाणी हवा-हवाई नहीं है. उन्होंने बताया, नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल (2014-19) में सिर्फ भूमि अधिग्रहण के मामले पर प्रदर्शन हुआ था, जबकि दूसरे कार्यकाल (2019-24) में सीएए-एनआरसी पर, किसानों के मुद्दे पर और एससी-एसटी राइट एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रदर्शन हुआ...ऐसे में लोगों की असहमति और प्रदर्शन में तीन गुणा इजाफा हुआ है.
प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार फिर आ रही है पर बीजेपी की सीटों का आंकड़ा सुधरेगा. पश्चिम और उत्तर (जहां से अच्छी-खासी सीटें आती हैं) में बीजेपी को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा.
पीके के मुताबिक, मुझे मूल रूप से चीजें बदलती नजर नहीं आ रही हैं. जो स्थिति जनवरी-फरवरी में थी, वही मार्च-अप्रैल में थी. जमीन पर विपक्ष नहीं है...ऐसा नहीं है. जमीन पर विरोध (सरकार के खिलाफ) बहुत है. हालांकि, विपक्षी दल उस स्थिति में नहीं हैं कि वे उसे वोट में तब्दील कर पाएं.
बिहार की राजधानी पटना में बरखा दत्त के साथ हुई बातचीत में पीके ने यह भी कहा, नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमीन पर निराशा जरूर है, पर क्या गु्स्सा नजर आ रहा है? क्या लोगों में मोदी को हटाने का संकल्प दिखता है? पर गु्स्सा और हटाने वाली बात सुनने को नहीं मिलती है. ऐसे में ये बातें नहीं आएंगी तब आप नंबर (सीटों के संदर्भ में) में बड़ा परिवर्तन नहीं देखेंगे.
पीके ने झीनी सी मुस्कान के साथ दावा किया, जितना मैंने उन्हें देखा और समझा है, उस लिहाज से दुनिया में यह कोई नहीं कह सकता है कि वह नरेंद्र मोदी को जानता है. अगर कोई यह कह रहा कि वह नरेंद्र मोदी को जानता है तब वह या तो मूर्ख है या फिर मूर्ख बना रहा है.
चुनावी चाणक्य के अनुसार, नरेंद्र मोदी जब आपको बड़ी-बड़ी बातें कहते हुए नजर आएं तब समझ जाइए कि कुछ प्रॉब्लम है. जब वह 400 सीट की बात कर रहे थे, तब उन्हें जमीनी हकीकत दिख रही थी कि स्थिति वैसी नहीं है, जितना उन्होंने पेंट किया या कराया है.
बरखा दत्ता से प्रशांत किशोर आगे बोले, नरेंद्र मोदी जब सावधान नजर आएं तब मान लीजिए कि उनकी स्थिति बेहतर हो रही है. यह बेसिक उनका काम करने का तरीका मुझे समझ आया है. पश्चिम बंगाल में वह कह रहे थे कि वहां बीजेपी की 200 सीटें आ रही हैं. वे इसलिए यह दावा कर रहे थे क्योंकि वह भी हार के बारे में जानते थे. जीतना का एक ही तरीका है कि पहले ही इतना भौकाल बना दो कि टीएमसी वाले हथियार डालकर भाग जाएं.