Lok Sabha Elections 2024: अगर BJP दिल्ली की सातों सीटें जीत लेगी तो इस चुनाव में बढ़ेंगी मुश्किलें, जीतकर भी कैसे लग सकता है झटका
नगर निगम के महापौर का चुनाव 26 अप्रैल को होना था, लेकिन आबकारी घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल जाने की वजह से चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो सकी.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसलिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया क्योंकि उस पर सीएम का सुझाव नहीं था
सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आए तो ‘आप’ में इसको लेकर गतिविधियों तो तेज हुई थी, लेकिन फिर आम चुनाव की गतिविधियां बढ़ी तो ये ठंडी पड़ गई.
अब जून में चुनाव होगा या नहीं यह तो कहा नहीं जा सकता. क्योंकि सीएम के बिना सुझाव के एलजी पहले ही पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति मना कर चुके हैं.
विशेषज्ञ पहले ही कह चुके हैं अब या तो कोर्ट से सीएम को इसकी फाइल चलाने की मंजूरी मिले या फिर सीएम इस्तीफा दें तब ही यह हो सकता है. विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि राष्ट्रपति शासन के दौरान सीएम की सभी शक्तियां एलजी के पास आ जाती है तो तब फिर यह हो सकता है.
एमसीडी के महापौर व उप महापौर के चुनाव में अभी तक नगर निगम के पार्षदों के साथ ही दिल्ली के तीन राज्यसभा और सात लोकसभा सांसदों के साथ ही 14 निगम में मनोनीत विधायकों को वोट करने का अधिकार है.
भाजपा के पास अभी संख्या 105 पार्षदों के साथ ही सात लोकसभा सांसदों व एक विधायक को मिलाकर संख्या 113 हो जाती है.
लेकिन, सातों सीटों पर पुन: जीत का दावा करने वाली भाजपा की मुसीबत तब बढ़ सकती है जब चुनाव नतीजों और सांसदों की लोकसभा में होने वाले शपथ ग्रहण के बीच महापौर चुनाव होता है. ऐसी स्थिति में ये सांसद वोट नहीं कर पाएंगे.