लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी मायावती, BSP सुप्रीमों की चुनावी रैलियों में मंच पर क्यों बनी होती है 'व्हाइट हाउस', जानिए सीक्रेट
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टियों की तैयारियां शुरु हो गई है. बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि एनडीए सत्ता वापसी की तैयारी कर रही है. विपक्षी गठबंधन सत्ताधारी बीजेपी को मात देने के लिए कार्य कर रही है. हालांकि BSP भी पीछे नहीं है.
बीएसपी प्रमुख मायावती ने गठबंधन की खबरों पर कहा पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. परिस्थितियों को देखकर अपना फैसला करेगी. BSP की भी दूसरे बड़े दलों की तरह निगाहें छोटे दलों पर हैं..
हालांकि हर चुनाव से पहले बीएसपी चीफ मायावती की रैलियां और उनकी रैलियों में चुनावी मंच चर्चा में रहता है. मयावती के चुनावी सभा में मंच पर दो अलग-अलग माइक रखे जाते हैं. हर रैली में एक व्हाइट हाउस मंच के बगल में बनाया जाता है. इस व्हाइट हाउस में हर तरह की सुविधाएं होती हैं. इसमें AC होने के साथ आराम करने की उत्तम व्यवस्था रहती है. यहां चाय नाश्ता की भी सुविधा रहती है.
बीएसपी प्रमुख मायावती की रैलियों में बने मंच पर किसी को भी जूते चप्पल पहन कर जाने की इजाजत नहीं रहती है. सभी को नंगे पैर ही जाना पड़ता है. मायावती की मौजूदगी में मंच के आस-पास किसी को भी गुजरने की इजाजत नहीं रहती. मायावती के मंच पर दो अलग-अलग माइक की व्यवस्था रहती है, जिसमें एक माइक पूरी तरह से मायावती के लिए रिजर्व रहता है. जबकि दूसरी माइक से रैली का संचालन होता है.
मायावती की मंच पर भीड़ बहुत कम रहती है. यहां दूसरे नेताओं के रैली जैसा नहीं होता है. यहां प्रत्याशी भी पीछे की ओर कुर्सी पर बैठे रहते हैं. वहीं सबसे आगे मायावती के लिए एक सफेद सोफा जो की सफेद रंग के ही चादर से ढका रहता है वो होता है. उसके सामने एक टेबल रहता है जिसे सफेद चादर से ढका जाता है.
मायावती के मंच पर लगे सोफे के सामने वाली टेबल पर एक सफेद तौलिया रखा रहता है. यह पसीना और हाथ पोछने के लिए रहता है. साथ ही टेबल के बीचों-बीच एक पैड रहता है, जिसमें एक सफेद पेपर लगा रहता है जिस पर ही स्थानीय प्रत्याशियों के नाम लिखे जाते हैं. साथ में एक सफेद रंग का ही पेन रखा रहता है. पेपर को पलटने के लिए वहां एक वॉटर पैड भी रखा रहता है.
मायावती के मंच से कुछ दूरी पर दो एसी लगा रहता है जिसमें एक ऊपर और एक नीचे की ओर रहती है. मायावती के मंच पर सभी को डिसिप्लिन में रहना जरूरी होता है. मंच पर अगर प्रत्याशियों का परिचय कराना हो या मायावती से आशीर्वाद लेना हो तो सभी को एक कतार में लग कर ही रहना होता है.