एक्सप्लोरर
दिमाग से खेल रहे अखिलेश यादव, चाचा से पहले माता प्रसाद को क्यों चुना? शॉकिंग है प्लान
ब्राह्मण समाज से आने वाले माता प्रसाद पांडे (81) सात बार के विधायक हैं. फिलहाल वह सिद्धार्थनगर जिले के इटावा से विधायक हैं. वह दो बार यूपी विस अध्यक्ष और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं.
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश (यूपी) के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव से पहले बड़ा सियासी दांव चला है. पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) के फॉर्मूले पर चलने वाले सपा के मुखिया ने चाचा शिवपाल यादव के बजाय माता प्रसाद पांडे को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने का फैसला लिया. आइए, जानते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया:
1/8

यूपी के सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा थी कि शिवपाल यादव को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जाएगा.
2/8

शिवपाल यादव से जुड़ी अटकलों पर रविवार को तब विराम लगा जब सपा ने माता प्रसाद पांडे के नाम का ऐलान किया.
3/8

अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव से पहले माता प्रसाद पांडे को क्यों चुना? इसके पीछे एक नहीं कई वजह हैं.
4/8

राजनीतिक जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में ब्राह्मण वोटर्स सपा ही नहीं बल्कि बीजेपी से भी नाराज माने जा रहे हैं.
5/8

ऐसे में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा के पास ब्राह्मण वोटरों को लुभाकर अपने पाले में लाने का बढ़िया मौका है.
6/8

अखिलेश यादव ने चिर-परिचित पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक (पीडीए) फॉर्मूले से इतर किसी ब्राह्मण को सोचकर चुना है.
7/8

ऊपर से माता प्रसाद पांडे दिवंगत मुलायम सिंह यादव के करीबी हैं. उन्हें यूपी की राजनीति में लंबा अनुभव भी रहा है.
8/8

यह भी कहा गया कि अखिलेश यादव अगर चाचा को चुन लेते तब उन पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता.
Published at : 29 Jul 2024 10:53 AM (IST)
और देखें
Advertisement
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
बॉलीवुड
क्रिकेट


























