अब तेरा क्या होगा? प्रचंड गुस्से में अखिलेश, निशाने पर ये सात सपा विधायक
राजनीति में ना किसी का टाइम शुरू होता है ना खत्म. यह तो बस समय की बात होती है. 5 साल पहले समाजवादी पार्टी के पांच सदस्य लोकसभा में हुआ करते थे और अब 7 गुना ताकत के साथ सदन के अंदर हैं. और तो और अखिलेश यादव बागी विधायकों को भी सबक सिखाने के मूड में है.
समाजवादी पार्टी को छोड़ भाजपा में शामिल हुए बागी विधायकों को लेकर राजनीतिक विश्लेषक बिलाल सब्जवारी ने कहा कि किसी भी पार्टी के लिए उनका पार्टी अनुशासन बेहद महत्वपूर्ण होता है. भारतीय जनता पार्टी की रणनीति के तहत इन सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. विधानसभा चुनाव में अभी 2 साल बाकी है. हो सकता है कि अखिलेश यादव सतीश महाना जी को पत्र लिख सकते हैं और भविष्य में इसको लेकर कमेटी का गठन भी सतीश महाना कर सकते हैं.
समाजवादी पार्टी के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. हो सकता है कि अखिलेश यादव के पास इन सबको लेकर कोई सबूत होंगे तभी वह इतनी सख्त लहजे में बात कर रहे हैं.
TV9 के एसोसिएट एडिटर कुबूल अहमद ने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी और राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करने के बाद सदस्यता जाने की कोई भी संभावना नहीं होती. उन्होंने बताया कि दो ऐसे विधायक हैं जिनके खिलाफ दल बदल कानून लग सकता है. जिनमें से पहले है ऊंचाहार के मनोज पांडे. और दूसरे हैं अंबेडकर नगर से राकेश पांडे.
गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह पूरे चुनाव प्रचार के दौरान एक बार अमित शाह के रोड शो में आए थे. इन तीनों ही विधायकों ने अपने परिवार वालों को बीजेपी में शामिल करवा दिया था. कुल मिलाकर ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडे दल बदल कानून के तहत फंसे हुए नजर आ रहे हैं.
राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करने के समय इन विधायकों को इस बात का आभास नहीं था कि 2024 में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में इतना बेहतरीन प्रदर्शन करेगी. कुल मिलाकर देखा यह जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने जहां-जहां पर भी पार्टी तोड़कर विधायकों को अपने खेमे में किया है. वहां वहां पर वह उम्मीदवार हारे हैं.
क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में सबसे पहले हैं ऊंचाहार विधायक मनोज पांडे, जलालाबाद विधायक राकेश पांडे, गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह, गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह, चायल विधायक पूजा पाल, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, बिसौली विधायक आशुतोष मौर्या. इन सातों विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी और अब चुनाव में हार का सामना किया.