एकनाथ शिंदे का 'देवड़ा दांव', समझें उद्धव के चक्रव्यूह के खिलाफ क्या है प्लान?
वर्ली विधानसभा सीट पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई शिवसेना यूबीटी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच सीधा मुकाबला है. वैसे तो कई सीटों पर इनका सीधा मुकाबला है, लेकिन वर्ली सीट इसलिए खास है क्योंकि यहां से उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे चुनावी मैदान में हैं.
वहीं शिंदे की सेना ने इस सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतारा है. ऐसे में जब से एकनाथ शिंदे की पार्टी ने जब से वर्ली सीट से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया है तब से तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. एकनाथ शिंदे की शिवसेना की रणनीति क्या है?
जानाकारी के अनुसार मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट से मिलिंद देवड़ा सांसद रह चुके हैं. वर्ली विधानसभा सीट भी देवड़ा परिवार का गढ़ मानी जाने वाली मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट के तहत ही आता है. ऐसे में मिलिंद देवड़ा का चेहरा वर्ली सीट के लिए नया नहीं है.
मिलिंद देवड़ा को आदित्य ठाकरे के खिलाफ शिवसेना का टिकट एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की पार्टियों में चल रहे परसेप्शन वार से जोड़कर देखा जा रहा है. शिंदे ने देवड़ा को उतारकर ये संदेश तो दे दिया है कि ठाकरे के खिलाफ भी वह मजबूती से चुनाव लड़ रही है.अनुमान है कि शिवसेना (शिंदे) की कोशिश देवड़ा के चेहरे के जरिये परसेप्शन की लड़ाई में एज हासिल करने की है.
एकनाथ शिंदे की रणनीति ठाकरे परिवार को एक सीट पर उलझाने की भी हो सकती है. ऐसे में आदित्य ठाकरे के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार बड़ा चेहरा होने की वजह से ठाकरे परिवार को इस प्रतिष्ठापरक सीट पर अधिक समय देना पड़ सकता है.
एकनाथ शिंदे की पार्टी ने वर्ली सीट से पहले मिलिंद देवड़ा की उम्मीदवारी का ऐलान किया और फिर मुंबई BJP अध्यक्ष आशीष शेलार का ये बयान आया कि हमें राज ठाकरे के बेटे अमित का समर्थन करना चाहिए. अमित ठाकरे माहिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां से शिंदे की पार्टी ने मौजूदा विधायक सदा सरवणकर को उम्मीदवार बनाया है.
ठाकरे और एकनाथ शिंदे की पार्टियों में एक लड़ाई असली और नकली शिवसेना की भी चल रही है. असली-नकली शिवसेना की इस लड़ाई में वर्ली सीट अहम हो गई है.वर्ली में जीत असली-नकली शिवसेना की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाएगा और शायद यह भी एक वजह है कि शिंदे की पार्टी ने वर्ली की व्यूह रचना पर फोकस कर दिया है.