Punjab Election: महाराष्ट्र-हरियाणा के बाद कांग्रेस को एक और झटका, यहां बीजेपी नहीं 'अपनों' ने ही लगा दी लंका
पंजाब के पांच शहरी नगर निकायों में हुए चुनावों में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा. पंजाब में जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, और फगवाड़ा में कांग्रेस की स्थिति बहुत खराब रही. 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की जीत के बावजूद पंजाब में कांग्रेस का असर कायम था, लेकिन अब आम आदमी पार्टी (आप) ने यहां अपनी पकड़ मजबूत कर ली है.
पटियाला नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी को अभूतपूर्व सफलता मिली. यहां के 60 वार्डों में से 43 पर आप ने जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस और भाजपा को केवल 4-4 सीटों पर जीत मिली. पटियाला हमेशा से कांग्रेस के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का गढ़ रहा है, लेकिन अब वहां आप का दबदबा बन चुका है.
लुधियाना में कुल 95 वार्डों में से आप को 41 सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस ने 30 वार्डों में जीत हासिल की. वहीं फगवाड़ा में कांग्रेस ने 50 सीटों में से 22 सीटें जीतीं. इस प्रकार इन दोनों शहरों में भी कांग्रेस को जीत का कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिला.
अमृतसर में 85 वार्डों में से कांग्रेस को केवल 38 सीटों पर ही जीत मिल पाई जबकि आप ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की. जालंधर में भी कांग्रेस को 85 वार्डों में से केवल 25 सीटों पर जीत मिली जबकि आप ने 38 सीटों पर कब्जा किया. इस प्रकार कांग्रेस की स्थिति इन शहरों में भी कमजोर रही.
पंजाब के निकाय चुनावों में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती अब आम आदमी पार्टी बन गई है. पंजाब में अब तक कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन अब आप ने इसे चुनौती दी है. कांग्रेस अपने दम पर किसी भी निकाय चुनाव में विजयी नहीं हो पाई जबकि आप ने पटियाला में स्पष्ट बहुमत हासिल किया.
भले ही भाजपा को इन चुनावों में सफलता नहीं मिली, लेकिन वह हर जगह तीसरे स्थान पर रही. ये बीजेपी के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही क्योंकि 2019 के बाद से वह शिरोमणि अकाली दल की सहयोगी नहीं रही है और अब वह अपने दम पर चुनाव लड़ रही है.
कांग्रेस पार्टी को अब अपने नेतृत्व और रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा. हरियाणा, महाराष्ट्र और पंजाब में हुए चुनावों में कांग्रेस की लगातार हार ने पार्टी की स्थिति को कमजोर कर दिया है. कांग्रेस को ये समझने की जरूरत है कि केवल लोकसभा में सफलता मिलने से नहीं बल्कि राज्य चुनावों में भी उन्हें अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी.