यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान में किसे कितना मिलता है रिजर्वेशन, जानें किन स्टूडेंट्स को मिलता है सबसे ज्यादा फायदा?
यूनिवर्सिटी में एससी, एसटी, ओबीसी, एमबीसी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों को अलग-अलग सीटें और लाभ मिलेंगे. कला, फाइन आर्ट्स, लॉ, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और वाणिज्य जैसी सभी फेकल्टी में कुल सीटों का 49 प्रतिशत हिस्सा विशेष वर्गों के छात्रों के लिए आरक्षित किया गया है. इसमें एससी छात्रों के लिए 16 प्रतिशत, एसटी के लिए 12 प्रतिशत और ओबीसी (क्रिमी लेयर को छोड़कर) के लिए 21 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं.
इसके अलावा शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों के लिए 5 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं. इस श्रेणी में वे छात्र आते हैं जो स्थायी रूप से बहरे, गूंगे, अंधे या किसी अंग के नुकसान से पीड़ित हैं. इसी तरह कश्मीरी माइग्रेंट्स के बच्चों के लिए 10 प्रतिशत सीटें और More Backward Classes (MBC) के लिए 5 प्रतिशत सीटें निर्धारित की गई हैं.
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए भी 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं, हालांकि इन छात्रों के लिए योग्यता में कोई छूट नहीं दी गई है.
अंतरराष्ट्रीय छात्रों और भारतीय मूल के विदेशियों के लिए 15 प्रतिशत सुपरन्यूमेररी सीटें रखी गई हैं. इसमें से एक तिहाई यानी लगभग 5 प्रतिशत सीटें विशेष रूप से NRI बच्चों के लिए हैं, जो सामान्य छात्रों की फीस के पांच गुना फीस देकर दाखिला ले सकते हैं.
SC, ST और OBC छात्रों का चयन उनकी श्रेणी के अनुसार मेरिट लिस्ट में किया जाएगा. यदि किसी छात्र ने सामान्य श्रेणी के छात्रों से ज्यादा अंक हासिल किए हैं, तो उसे रिजर्वेशन सीट में नहीं गिना जाएगा और वह सामान्य मेरिट लिस्ट में शामिल होगा.
बाकी के छात्रों को उनकी श्रेणी के अनुसार मेरिट के आधार पर सीटें दी जाएंगी ताकि रिजर्वेशन का प्रतिशत पूरा हो सके. बोर्ड ने यह भी साफ किया है कि रिजर्वेशन पूरा करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर पास प्रतिशत तक भी सीटें दी जा सकती हैं.