1 करोड़ से ज्यादा फीस और शाही ठाठ, ये है दुनिया का सबसे महंगा स्कूल
साल 1880 में पॉल-एमिल कार्नेल ने इस स्कूल की स्थापना की थी. इसे ‘School of Kings’ यानी ‘राजाओं का स्कूल’ भी कहा जाता है. स्कूल के असाधारण इतिहास और प्रतिष्ठा के चलते कई रियासतों और देशों के शाही परिवारों के बच्चे यहां पढ़ चुके हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार इस स्कूल की सालाना फीस करीब 1,13,73,780 रुपये यानी लगभग 1 करोड़ 14 लाख रुपये से ऊपर है. फीस में रहने, खाने, पढ़ाई के साथ-साथ म्यूजिक, खेलकूद, हॉर्स राइडिंग जैसी कई अतिरिक्त गतिविधियां भी शामिल हैं.
इस स्कूल में करीब 60 देशों के कुल 450 विद्यार्थी पढ़ते हैं. लगभग 120 टीचर्स यहां पढ़ाते हैं, यानी लगभग हर 3 या 4 छात्रों के लिए एक शिक्षक उपलब्ध है.
Institut Le Rosey में बच्चों को इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (IB) और फ्रेंच बैकलॉरिएट (French Baccalaureate) जैसे बेहतरीन पाठ्यक्रम मिलते हैं. आधुनिक क्लासरूम, विशाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्विमिंग पूल, टेनिस कोर्ट जैसी सुविधाएं छात्रों की शारीरिक व मानसिक विकास में मदद करती हैं.
यह स्कूल गर्मियों में रोले नामक शहर में होता है और सर्दियों में यह अपनी पढ़ाई शीतकालीन स्थल ‘गस्टाड’ में जारी रखता है. गस्टाड कैंपस खास तौर पर स्नोबोर्डिंग, स्कीइंग और आइस हॉकी जैसे विंटर स्पोर्ट्स के लिए प्रसिद्ध है.
यह स्कूल महंगी फीस के बावजूद पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है. यहां हर साल बहुत कम और चुने हुए छात्रों को ही प्रवेश मिलता है, जिससे पढ़ाई का स्तर बेहद उच्च बना रहता है.