एग्जाम लीक के बाद 'बेल शेप्ड कर्व' क्यों होता है जिक्र, जानें ये कैसे करता है काम
नीट यूजी परीक्षा लीक मामले में भी 'बेल शेप्ड कर्व' का इस्तेमाल किया गया है. मामले में केंद्र सरकार ने हलफनामे में बड़े पैमाने पर नकल की बात से इनकार किया.
सरकार ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास की तरफ से किए गए डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि नंबरों का वितरण एक बेल घंटी के आकार का है, जैसा कि किसी भी बड़े पैमाने की परीक्षा में देखा जाता है.
आईआईटी मद्रास की टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर नकल का कोई संकेत नहीं मिला है और ना ही किसी स्थानीय स्तर पर उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के कारण असामान्य स्कोर आए हैं.
जैसे-जैसे ज्यादा छात्रों को परीक्षा के लीक के बारे में पता चलता है, रिजल्ट का कर्व विकृत होता जाता है. इसका मतलब ये है कि ज्यादा और कम नंबर प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि होती है. वहीं, बीच के नंबर हासिल करने वाले छात्रों की संख्या कम होती है.
एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर एग्जाम कठिन है तो लीक से लाभ उठाने वाले छात्रों का स्कोर बाकी छात्रों से अधिक अलग होगा. अगर इवैल्यूएशन सिस्टम में मल्प्रटीप्श्नल चॉइस क्वेश्चन हैं, तो लीक का प्रभाव ज्यादा होगा.