कैसे बनते हैं अंपायर, कितना मिलता है इस काम का पैसा?
शुरुआत अपने यहां के क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित किए जाने वाले बहुत से टेस्ट से करें. सबसे पहले लिखित परीक्षा होती है. इसे पास करने वाले आगे के चरण यानी प्रैक्टिकल और ओरल टेस्ट के लिए जाते हैं.
इनके लिए अपने यहां के यानी स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के टच में रहें और समय-समय पर वैकेंसी के बारे में पता करते रहें. वैकेंसी निकलने पर आवेदन करें. शुरुआत यानी सेलेक्शन टेस्ट से होता है.
इस फील्ड में आने के लिए क्रिकेट खेलना जरूरी नहीं है लेकिन आपको क्रिकेट के सारे नियम आदि की गहरी जानकारी होनी चाहिए. स्टेट लेवल पर हुए सेलेक्शन का कोर्स पूरा होने के बाद सर्टिफिकेट मिलता है, जिसके बाद आप हायर लेवल पर अप्लाई कर सकते हैं.
इसके बाद बीसीसीआई में अंपायरिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं. पहले स्टेट या इससे भी छोटे लेवल पर अंपायरिंग करके अनुभव और प्रैक्टिकल नॉलेज कलेक्ट करें उसके बाद आगे जाएं.
बीसीसीआई में सेलेक्शन के लिए टेस्ट देना होता है. एक लेवल का प्रोग्राम पास करने के बाद ही अगले लेवल के एग्जाम में भाग लेने को मिलता है. इसमें थ्योरी एग्जाम से लेकर रिफ्रेशर कोर्स तक शामिल हैं. पहले बीसीसीआई के सारे चरण पार करें फिर अंपायरिंग करें.
इसके बाद इंटरनेशनल मैच में अंपायरिंग का रास्ता खुलता है. घंटो खड़े रहने के अलावा, ऑब्जर्वेशन पावर बढ़िया होनी चाहिए. सैलरी मैच, लेवल और एक्सीपरियंस के मुताबिक मिलती है. शुरुआत में एक दिन के 40 हजार से लेकर बाद में आईपीएल के एक सीजन के 40 लाख तक कमाए जा सकते हैं.