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Wow! ब्रेस्ट कैंसर को जड़ से खत्म करने वाली आई गोली, नहीं पड़ेगी कीमोथेरेपी की जरूरत

एबीपी न्यूज़   |  08 Aug 2018 03:13 PM (IST)
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इससे बचने का कारण पता लगने के तुरंत बाद डॉक्टर्स से संपर्क करें, जिससे आपको ब्रेस्ट, पैसे, बाल खोने का डर भी नहीं रहेगा. ब्रेस्ट् कैंसर को कम करने का कोई रास्ता नहीं है लेकिन इससे डरने की भी जरूरत नहीं है. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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इसके लक्षणों के बारे में डॉ. सरीन का कहना है कि शुरुआती चरण से तात्पर्य है कि जब महिलाओं के ब्रेस्ट में गांठ हो, या ब्रेस्ट से रिसाव हो तो आपको डॉक्टर्स को दिखाना चाहिए. हमारे देश में भी ब्रेस्ट कैंसर बहुत तेजी से बढ़ रहा है अगर आप जल्दी आते हैं जैसे स्टेज 1, स्टेज 2 (ए) में और आपका हर्मोन पॉजिटीव है तो आपके लिए हार्मोनल टैबलेट फायदेमंद है, इससे आपके कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं होगी. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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कीमोथेरेपी कराने वाली महिलाओं का मुंह का टेस्ट बदल जाता है, खाना नहीं खा पातीं, उल्टी होती है इसके साथ ही इसके बहुत सारे बुरे प्रभाव होते हैं, इसलिए आप इस एक गोली से इन सब बुरे प्रभाव से बच सकते हैं. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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डॉ. रमेश सरीन ने कहा कि कीमोथेरेपी महंगी होने के साथ-साथ इसके बुरे प्रभाव होते हैं, सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव होता है महिलाओं के बाल झड़ना, साथ ही उनके ब्रेस्ट भी निकालने पड़ सकते हैं. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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ट्रायल एसाइनिंग इंडिविजुअलाइज्ड ऑप्शंस फॉर ट्रीटमेंट (टेलरेक्स) के एक अध्ययन में सामने आया है कि जो लोग हार्मोन रिसेक्टम पॉजिटिव होते हैं अगर वह शुरुआती चरण में आए तो उन्हें कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं है. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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देश में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में 0.46 से 2.56 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है. दुनिया भर में डायग्नोस किए गए ब्रेस्टे कैंसर रोगियों में से अधिकांश में हार्मोन-पॉजिटिव, एचईआर 2-निगेटिव, नोड-निगेटिव कैंसर पाया गया है. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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उन्होंने कहा कि यह टेस्ट सिर्फ अमेरिका में एक ही जगह होता है. अभी भारत समेत यूरोप के कई देशों में यह इलाज उपल्बध नहीं है. लेकिन यहां से कैंसर के टिशू वहां भिजवा सकते हैं, जो कि खराब नहीं होते और आसानी से वहां पहुंच जाते हैं और दो सप्ताह में इसकी रिपोर्ट आ जाती है. रिपोर्ट के सही आने पर ब्रेस्टह कैंसर से पीड़ित महिलाओं को कीमोथेरेपी से छुटकारा मिल सकता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की सर्जीकल ऑन्कोलोजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रमेश सरीन का कहना है कि देश में धीरे-धीरे बढ़ने वाले ब्रेस्ट कैंसर के 70 फीसदी मामले में से 35 फीसदी शुरुआती चरण में आते हैं, जबकि विदेशों में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत है. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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भारत में ब्रेस्ट कैंसर के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच एक नए अध्ययन ने ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं के बीच नई उम्मीद जगाई है. ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं को देश में अब तक कीमोथेरेपी दी जाती थी लेकिन हाल ही में इजाद की गई हार्मोनल थेरेपी में दी जाने वाली एक गोली 'कैमॉक्सगन' ब्रेस्टा कैंसर को जड़ से खत्म कर सकती है. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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जबकि यह गोली लेनी तो लंबे समय के लिए होती है लेकिन एक साल में इसका फायदा दिखाई देने लगता है. हालांकि टेस्ट थोड़ा महंगा होता है इसकी कीमत ढाई लाख रुपये है. इसके लिए हमें बस चुनाव करना होगा कि किस मरीज का ट्यूमर वहां परीक्षण करने लायक है या नहीं. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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महिलाओं में तेजी से बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर के पीछे कारणों के सवाल पर डॉ. रमेश सरीन ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर हमारी आधुनिक जीवनशैली से बढ़ रहा है इसके पीछे है हमारी बदलती दिनचर्या जैसे कि व्यायाम नहीं करना, गलत खानपान, देर से विवाह, ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराना आदि. यह बीमारी आगे जाकर और बढ़ेगी क्योंकि इन कारणों का निदान बहुत मुश्किल है. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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डॉ. रमेश सरीन ने कहा कि हार्मोनल थेरेपी का खर्चा मात्र 1100 रुपये प्रति महीना है जबकि कीमोथेरेपी पर हर दूसरे सप्ताह कम से कम 20 से 30 हजार रुपये का खर्चा आता है यानि की पांच से छह लाख की दवाई छह महीनों में लेनी होती है. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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उन्होंने कहा कि इस नए टेस्ट को हार्मोनल थेरेपी कहते हैं जिसमें पॉजिटिव पाए जाने पर 'कैमॉक्सगन' नाम की एक गोली दी जाती है, जिससे 90 से 95 फीसदी लोग बिल्कुल ठीक हो जाते हैं लेकिन यह टेस्ट करने के बाद पता लगता है कि यह टयूमर हार्मोन के संपर्क में आएगा या नहीं. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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इन 35 फीसदी महिलाओं के लिए एक नया परीक्षण शुरू किया गया है, अगर वे यह टेस्ट कराएं तो उन्हें कीमोथेरेपी की कतई जरूरत नहीं पड़ेगी. फोटोः गूगल फ्री इमेज

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ये रिसर्च के दावे हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है. कोई भी कदम उठाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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