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NPS Subscriber Risk Cover: अगर आप NPS सब्सक्राइबर्स है तो जान लें रिस्क लेवल, ऐसे करें चेक

ABP Live   |  03 Aug 2022 11:17 PM (IST)
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NPS Subscribers in India: आज चोरी और डिजिटल हैकिंग का दौर चल रहा है, ऐसे में आम नागरिक को सिर्फ सरकार की योजनाओं पर भरोसा होता है. लोगो को लगता है कि सरकारी योजनाओं में लगे पैसे पर रिटर्न भले ही कम मिले, लेकिन वह सुरक्षित तो रहेगा. ज्यादातर लोगो को नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश पर भरोसा होता है. हम आपको बता दे कि NPS में कुछ जोखिम है, जिन्हे ऐसे समझा जा सकता है.

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NPS में आपके पैसे पर भी कुछ न कुछ जोखिम रहता है. आप ऐसा समझ सकते है जैसे आप कहीं पर निवेश करते हैं और उसके जोखिम के बारे में आपको जानकारी नहीं है. यदि आपको जोखिम के बारे में पहले से जानकारी है तो आप भविष्य में परेशान नहीं रहेंगे.

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क्या है जोखिम: नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) में 15 जुलाई 2022 से कुछ जरूरी बदलाव किए थे. पेंशन फंडों को अब हर तिमाही की समाप्ति से पहले 15 दिन के अंदर अपनी वेबसाइटों पर सभी NPS योजनाओं के जोखिम की जानकारी देनी होगी.

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NPS Subscribers को यह जानकारी होनी चाहिए कि वह कुछ एसेट्स में से किसमें निवेश करें. जिससे उसे ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके.

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रिस्क प्रोफाइल का त‍िमाही के आधार पर व‍िश्‍लेषण करें. इसे टियर-1 और टियर-2, एसेट क्लास इक्विटी (ई), कॉरपोरेट डेट (सी), सरकारी सिक्योरिटीज (जी) और स्कीम ए वाले पेंशन फंड (Pension Funds) को योजनाओं की रिस्क प्रोफाइल के बारे में अनिवार्य रूप से बताना होगा.

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PFRDA के बनाए गए न‍ियमों के तहत जोख‍िम के 6 स्‍तर के होते हैं. इनमें लो (Low), लो टू मॉडरेट (Low to Moderate), मॉडरेट (Moderate), मॉडरेटली हाई (Moderately High) हाई, और वेरी हाई (Very High) के लेवल बनाए गए हैं.

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