पेंशन की पेमेंट से जुड़ी काम की खबर: लाइफ सर्टिफिकेट से डियरनेस रिलीफ, पेंशनर्स की सुविधा के लिए RBI के ये 8 बड़े नियम
सरकार के डियरनेस रिलीफ रेट के बढ़ाए जाने की स्थिति में बैंकों को भी निर्देश दिया जाता है कि वे इसके हिसाब से अपडेटेड DR का पेमेंट पेंशनर्स को करें. रिजर्व बैंक के मुताबिक, बैंकों को मेल, फैक्स या ईमेल के जरिए या संबंधित सरकारी अधिकारियों की आधिकारिक वेबसाइटों से अपडेटेड डीआर की जानकारी दे दी जाती. फिर बैंक की शाखाओं तक भी ये बात पहुंचाई जाती है.
पेंशनर्स के पास जीवन बीमा प्लेटफॉर्म के जरिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराने का विकल्प है. हालांकि, यह सुविधा तभी उपलब्ध होगी, जब पेंशन सैंक्शनिंग अथॉरिटी या पेंशन स्वीकृति प्राधिकरण भी इस प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड हो.
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अति वरिष्ठ नागरिकों या जिनकी उम्र 70 साल से अधिक हो या जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं या शारीरिक रूप से अक्षम हैं, ऐसे पेंशनर्स को घर से ही जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा प्रदान करें.
रिजर्व बैंक के मुताबिक, अगर पेंशनर की मृत्यु हो जाती है, तो इस स्थिति में फैमिली पेंशन का डिपॉजिट उसी अकाउंट में किया जाना चाहिए. इसके लिए अलग से कोई नया अकाउंट खोलने की जरूरत नहीं है. बैंको को यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर पेंशन पेमेंट ऑर्डर में पारिवारिक पेंशन के प्राप्तकर्ता के रूप में नामित पति या पत्नी अभी भी जीवित हैं, तो वे केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को नया खाता खोलने पर जोर न डालें.
बैंकों को पेंशन भुगतान प्राधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार पेंशन जमा करनी होती है. अगर पेंशन अमाउंट के रूप में अकाउंट में अधिक पैसे जमा हो जाते हैं, तो इस स्थिति में आरबीआई ने बैंकों को बताया है कि वे अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली के लिए संबंधित पेंशन स्वीकृति प्राधिकरणों से परामर्श लें और अगर गलती बैंक की तरफ से की गई है तो अतिरिक्त धनराशि को तुरंत सरकार को वापस कर देना चाहिए, ताकि पेंशनभोगियों से अधिक भुगतान की वसूली में किसी भी तरह की देरी न हो.
RBI ने यह अनिवार्य कर दिया है कि लाइफ सर्टिफिकेट मिलने पर पेंशनर्स को साइन किया हुआ एक्नॉलेजमेंट जरूर प्रदान करें.
आरबीआई के मुताबिक, पेंशप पेमेंट में देरी होने पर जिम्मेदार बैंकों को पेंशन या बकाया भुगतान में किसी भी देरी के लिए पेंशनभोगियों को मुआवजा देना होगा. इसका कैलकुलेशन जिस डेट में पेमेंट करनी थी उसके बाद 8 परसेंट प्रति वर्ष की दर से की जाती है. ये पैसा पेंशनर्स के अकाउंट में बिना किसी क्लेम के अपने आप जमा हो जाने चाहिए.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक, अगर शारीरिक अस्वस्थतता के चलते पेंशनर्स बैंक जाने या डॉक्यूमेंट्स पर साइन करने में असमर्थ हैं, तो इस स्थिति में बैंक अपने किसी अधिकारी को नियुक्त करता है, जो दो गवाहों की उपस्थिति में चेक या विदड्रॉल फॉर्म पर साइन कराने के लिए जिम्मेदार होता है.