Dollar Rupee Connection: जानिए किसलिए डॉलर को कहते हैं दुनिया की सबसे 'ताकतवर' करेंसी, ये रहे इससे जुड़े फैक्ट
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है. भारतीय रुपए के अलावा दुनियाभर में दूसरी करेंसी का आकलन भी डॉलर के हिसाब से ही किया जाता है. डॉलर को दुनिया की 'पावरफुल' करेंसी भी कहा जाता है.
दुनिया में कई तरह की करेंसी हैं जैसे रुपया, युआन, यूरो, पाउंड. इसके बावजूद दुनियाभर में डॉलर से ही लेन-देन होता है. डॉलर को ही विश्व के हर देश के लिए अंतरराष्ट्रीय करेंसी माना जाता है. इसके पीछे तमाम कारण हैं.
दुनिया में सबसे ज्यादा सोना अमेरिका में निकाला जाता है. जब भी कोई देश अमेरिका से सोना खरीदना चाहता है तो वो सिर्फ अपनी करेंसी डॉलर में ही उसका भुगतान चाहता है. ऐसे में अन्य देशों को भी यह बात माननी होती है. हालांकि, डॉलर के पावरफुल होने के पीछे ये सिर्फ एक वजह है.
दुनिया में हथियार बनाने वाली ज्यादातर बड़ी कंपनियां भी अमेरिका की ही हैं. जब किसी देश को हथियार चाहिए होते हैं, तो अमेरिका पर निर्भर होता है. हथियारों के बदले अमेरिका को डॉलर में ही भुगतान किया जाता है.
इराक, ईरान सहित अरब देशों में कच्चा तेल निकालने वाली कंपनियां ज्यादातर अमेरिका की हैं. यह कंपनियां डॉलर में ही भुगतान लेना पसंद करती हैं. इसके साथ ही शेल तकनीक से तेल उत्पादन करने के मामले में अमेरिका ही आगे हैं. एक दशक पहले तक शेल टेक्नोलॉजी पर अमेरिकी की ही हुकूमत थी. इस वजह से डॉलर दुनिया की पावफुल करेंसी है.
मौजूदा समय में 100 डॉलर के करीब नौ अरब से ज्यादा नोट चलन में हैं, जिनमें से दो-तिहाई दूसरे देशों में हैं. कुल छपने वाले नोटों में 100 डॉलर के नोट 7 प्रतिशत होते हैं. इनका वितरण न्यूयॉर्क स्थित रिजर्व कैश ऑफिस से किया जाता है. इस पर बेन्जामिन की फोटो होती है, जो अमेरिका की स्थापना करने वालों में से हैं.