Demat Account: शेयर बाजार पर बढ़ा निवेशकों का भरोसा, देश में पहली बार हुए 10 करोड़ Demat अकाउंट
देश में पहली बार डीमैट खातों की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है और ये अगस्त 2022 में हुआ है. ये खाते मुख्य रूप से कोविडकाल के बाद बढ़े हैं. कोरोना महामारी के पहले देश में इन्हीं डीमैट खातों की संख्या केवल 4 करोड़ थी जो अब 10 करोड़ के ऊपर हो गई है. इससे पता चलता है कि कोविड के बाद भारत के निवेशकों में शेयर बाजार को लेकर भरोसा बढ़ा है.
पिछले महीने यानी अगस्त में देश में 22 लाख डीमैट खाते खोले गए जो वित्त वर्ष 2022-23 के पहले पांच महीनों में सबसे ज्यादा हैं. भारत के डीमैट खाते कोविडकाल से पहले केवल 40.9 मिलियन यानी चार करोड़ से कुछ अधिक थे.
इक्विटी या शेयर बाजार पर निवेशकों की बढ़ती रुचि का परिणाम है कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश में डीमैट खाते बढ़े ही हैं. इनके चालू वित्त वर्ष के आंकड़े देखें तो अप्रैल 2022 में ये डीमैट खाते 9.21 करोड़ पर थे. मई में 9.48 करोड़ और जून में 9.65 करोड़ डीमैट खाते हो गए. जुलाई में 9.83 करोड़ और अगस्त में 10.05 करोड़ डीमैट खाते हो गए.
डीमैट खातों को लेकर अगर आपको जानकारी नहीं है तो बता दें कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग या इंवेस्टमेंट के लिए डीमैट खाता अनिवार्य है. इसमें आपके सभी शेयर्स और सिक्योरिटीज डिजिटल रूप में रखी जाती हैं. जब आप कोई सौदा खरीदते या बेचते हैं तो इसी डीमैट अकाउंट के जरिए ट्रेडिंग संभव होती है और बैंक अकाउंट जो इससे लिंक है उसमें पैसों का डिजिटल लेनदेन होता है.
बीते महीने तक केवल सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड (CDSL) के पास करीब सवा 7 करोड़ डीमैट खाते थे. ये संख्या नेशनल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड (NSDL) के पास जमा डीमैट खातों से काफी ज्यादा है.