Cyber Fraud: साइबर फ्रॉड के हो गए शिकार तो इस नंबर पर दर्ज करें शिकायत, जल्द मिलेंगे पैसे वापस!
Cyber Fraud Helpline Number: देश में जैसे-जैसे डिजिटलाइजेशन बढ़ा है वैसे-वैसे साइबर अपराध के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. आजकल लोग कैश ट्रांजैक्शन करने के बजाय नेट बैंकिंग, यूपीआई पेमेंट, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि के जरिए पेमेंट करना पसंद करते हैं. ऐसे में बैंकिंग सेवाओं के ऑनलाइन विस्तार से धोखाधड़ी के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. (PC: Freepik)
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View In Appदेश में बढ़ते साइबर अपराधों के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है. होम मिनिस्ट्री ने साइबर अपराध के शिकार होने वाले ग्राहकों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर ग्राहक कॉल करके किसी तरह के आर्थिक साइबर अपराध के शिकार होने पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. (PC: Freepik)
यह हेल्पलाइन नंबर है 1930. इस नंबर पर कॉल करके आप किसी तरह के आर्थिक साइबर फ्रॉड के शिकार होने पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा ठगी के शिकार होने पर आप नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (National Cyber Crime Reporting Portal) पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं. (PC: Freepik)
देश में ऑनलाइन ठगी पर लगाम लगाने के लिए गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ बनाया है. इसके साथ ही एक 1930 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. पहले इस हेल्पलाइन नंबर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था लेकिन, बाद में बड़े पैमाने पर लॉन्च किया गया है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि यह सिस्टम कैसे काम करता है. (PC: Freepik)
किसी तरह की ठगी के शिकार होने पर सबसे पहले दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें और अपनी शिकायत दर्ज करा दें.इसके बाद आपके केस को राज्य पुलिस को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. (PC: Freepik)
इसके बाद आपकी सारी शिकायत को एक टिकट के रूप में दर्ज किया जाएगा. इसके बाद आपकी शिकायत के आधार पर आपके बैंक खाते, वॉलेट्स, मर्चेंट्स आदि सभी जानकारी को चेक किया जाएगा. इससे यह पता चलेगा कि कैसे पीड़ित के बैंक अकाउंट से पैसे जालसाजों के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए हैं. (PC: Freepik)
शिकायत दर्ज कराने के बाद 24 घंटे में आपके पास एक लिंक आएगा जिसमें आपकी शिकायत संख्या दर्ज होगी. इस शिकायत संख्या को आपको नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज करना होगा. इसके साथ ही घटना की पूरी डिटेल भी फिल करना होगा. (PC: Freepik)
इसके बाद नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज जानकारी की मदद से उस बैंक अकाउंट का पता लगाया जाता है जिसमें फ्रॉड के पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. इसके बाद उस अकाउंट को फ्रीज कर दिया जाता है. इसके बाद पूरी कानूनी प्रक्रिया और जांच के बाद पीड़ितों को उसके पैसे लौटाए जाते हैं. (PC: Freepik)
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