हैरतअंगेज! इस महिला को है ऐसी बीमारी कि नहाने और हंसने से लगता है डर
डॉ. सोफिया कहती हैं कि कैटाप्लेक्सी और नार्कोलेप्सी दोनों ही एटोनिया के कारण हैं जिसमें नींद हमेशा गलत समय पर आने लगती है.
डॉ. सोफिया बताती हैं कि ऐसे मरीजों को जगाएं रखने के लिए उत्तेजक पदार्थ दिए जाते हैं. साथ ही एंटीडिप्रेसेंट्स का उपयोग कैटेप्लेसी के इलाज के लिए किया जाता है. साथ ही मरीज को कुछ ऐसी दवाएं दी जाती हैं जिससे उनकी सोने की संभावनाओं को कम किया जा सके.
एक्सपर्ट का कहना है कि आमतौर पर इमोशनल शोक के कारण थक जाते हैं और सो जाते हैं क्योंकि तनावपूर्ण स्थितियों में बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग होता है. इसलिए ब्रेन थोड़ी देर के लिए बंद हो जाता है.
डॉ. कहती हैं कि नार्कोलेप्सी का कोई पुख्ता इलाज नहीं है लेकिन छोटी-छोटी पॉवर नैप लेकर और सोने का सही समय निर्धारित करके इस समस्या को कम किया जा सकता है.
अब ये महिला इस चक्कर में जॉली माहौल और हंसने वाले माहौल से दूर रहती थी कहीं वो सो ना जाएं.इतना ही नहीं, ये महिला नहाने से भी डरती थी कि कहीं वो नहाते-नहाते सो ना जाएं और डूब ना जाए.
न्यूरोलॉजिकल स्लीप डिस्ऑर्डर एक्सपर्ट डॉ. सोफिया का कहना है कि लेकिन इस मामने में इस महिला को कैटाप्लेक्सी और नार्कोलेप्सी की समस्या है. ये समस्या आमतौर पर तब होती है जब मरीज की गुस्से जैसी भावनाएं बहुत प्रबल हो जाती हैं तो वो हंसते-हंसते सोने तक लगता है. या फिर सोचते-सोचते या नहाते हुए भी सो जाता है.
स्लीप एक्सपर्ट का मानना है कि लोगों को स्ट्रेस, नॉइजी और स्नोरिंग की वजह से नींद ना आने की समस्या होती है लेकिन कई लोगों को सोने के लिए मेहनत नहीं करने पड़ती, उनमें से ये एक महिला है.
अक्सर कई लोगों को ऐसी बीमारी होती है जिसके बारे में शायद ही आपने कल्पना की हो. आज हम आपको एक ऐसे ही मामले के बारे में बताने जा रहे हैं. हाल ही में ब्रिटेन के स्लीप एक्सपर्ट ने एक मामला उजागर किया है जिसमें एक महिला हंसते-हंसते और नहाते हुए सो जाती है. सभी फोटोः गेटी इमेज
ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.