Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी पर क्या चावल का दान कर सकते हैं, जानिए एकादशी से जुड़ी काम की बातें
मान्यता है कि योगिनी एकादशी के व्रत से पाप कर्मों का नाश होता है और अक्षय पुण्यफल की प्राप्ति होती है. एकादशी का दिन हिंदू धर्म में बहुत खास होता है. जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं और जो व्रत नहीं भी रखते हैं, उन्हें एकादशी से जुड़े नियमों का पालन करना जरूरी होता है.
एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए. यह बात कई लोग जानते होंगे. एकादशी के दिन चावल खाने के अगले जन्म में मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है. एकादशी के साथ ही भगवान विष्णु से संबंधित किसी भी पूजा या तिथि में चावल नहीं खाना चाहिए.
एकादशी में केवल चावल खाना नहीं बल्कि दान करना भी वर्जित होता है. एकादशी के दिन दान-पुण्य करना बहुत लाभकारी होता है. लेकिन भूलकर भी इस दिन चावल का दान नहीं करें. द्वार पर किसी भी जरूरतमंद या गरीब को चावल छोड़कर आप अन्य चीजों का दान दे सकते हैं.
इसके साथ ही एकादशी के दिन बैंगन भी नहीं खाना चाहिए. मान्यता है कि एकादशी, द्वादशी और तेरस के दिन बैंगन खाने से संतान को कष्ट होता है.
एकादशी के दिन लाल मसूर की दाल, उड़द दाल,चना, गोभी, शलजम, पालक साग इत्यादि भी खाना वर्जित होता है.
एकादशी तिथि को तुलसी के पत्ते या टहनियों को न तोड़े. माना जाता है कि देवी तुलसी भी एकादशी तिथि पर विष्णु जी के लिए व्रत रखती हैं. इसलिए इस दिन तुलसी में जल भी नहीं देना चाहिए. जल देने, पत्तो को छूने या तोड़ने से देवी तुलसी का व्रत खंडित हो जाता है. लेकिन आप तुसकी के पास दीपक जला सकते हैं.