Yashoda Jayanti 2024: बच्चे को अच्छे संस्कार देने के लिए 'मां यशोदा' से सीखें ये 6 बातें
मां यशोदा को ममता की मूरत कहा जाता है. मां यशोदा भले ही कान्हा की पालन माता हो लेकिन कृष्ण के लिए उनका प्यार अनूठा रहा है. उन्होंने लाड़-प्यार के साथ ही कान्हा की गलतियों को भी कभी नजर अंदाज नहीं किया. बच्चे को अच्छे संस्कारवान उसे अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करें, जैसे मां यशोदा कान्हा को सबकी भलाई का पाठ पढ़ाती थी.
कई बार कान्हा की शरारतों पर मां यशोदा ने सख्ती दिखाई तो कई बार उन्हें प्यार से भी समझाया. क्योंकि हर वक्त डांट और पिटाई से बच्चे नकारात्मक हो जाते हैं.
मां यशोदा राज परिवार से थी लेकिन उन्होंने कृष्ण को अच्छे संस्कार देकर समानता का भाव सिखाया. यही वजह है कि कान्हा ने दोस्ती में कभी अमीरी-गरीबी नहीं देखी. हमें भी बच्चों में धर्म, जात-पात का नकारात्मक बीज नहीं बोना चाहिए. इससे उनमें अहंकार का भाव जाग्रत होता है.
छोटे बच्चों में सवाल पूछने की उत्सुकता रहती है, ऐसे में कई बार हम झल्ला जाते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए, इससे उनका आत्मविश्वास कम होता है. बच्चों के सवालों पर चिढ़े नहीं.
एक बार बचपन में कृष्ण ने मां यशोदा से पूछा कि राधा का रंग इतना गोरा और मेरा रंग इतना काला क्यों है. इस पर मां यशोदा ने डांटने की जगह उन्हें हंस कर जवाब दे दिया.