Yamraj: 24 घंटे में यमराज का है ये समय, भूल से भी न करें 5 काम, मृत्यु के समान देते हैं कष्ट
पंचांग में राहुकाल जैसे राहु से जुड़ा है वैसे ही एक ऐसा अशुभ समय भी है जो यमराज से जुड़ा है. इसे यमगण्ड के नाम से जाना जाता है. यह हर दिन लगभग 1.5 घंटे की अवधि का होता है.
माना जाता है कि यमगण्ड में शुरू किए गए काम में बाधाएं आती हैं या उनका परिणाम अच्छा नहीं होता है. ज्योतिष शास्त्र में यमगंड को मृत्यु सूचक, बाधा, भय और अपशकुन का कारक माना जाता है
यमगंड के समय में लापरवाही से वाहन चलाना मृत्यु के न्यौता देने के समान है, क्योंकि इस दौरान यमराज का प्रभाव तेज होता है. कहते हैं इस समय में हुई दुर्घटना मृत्यु के समान कष्ट देती है.
संतान जन्म तो ईश्वरीय देन है लेकिन अगर किसी कारणवश यमगण्ड में संतान का जन्म हो तो विद्वान ब्राह्मण से इसकी शांति करवानी चाहिए, मान्यता है
यमगण्ड काल में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई आदि मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए,अन्यथा इसके दुष्परिणाम झेलने पड़ते हैं.
यमगंड काल में केवल मृत्यु से संबंधित संस्कार, जैसे अंतिम संस्कार, किए जाते हैं, क्योंकि यह जीवन चक्र के अंत का प्रतीक है.