Navratri 2024 : नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, सफल होंगे ये काम
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी के स्वरूप की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में देवी भागवत पुराण के अनुसार कहा जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से अर्थ, मोक्ष और काम की प्राप्ति होती है.
मां कात्यायनी जिनका स्वरूप अत्यंत चमकीला और अद्भुत है. सिंह पर सवार मां की चार भुजाएं हैं उनके बाएं हाथ में कमल और तलवार है और मां कात्यायनी के दाहिने हाथ में स्वस्तिक और आशीर्वाद का मुद्रा है. आइए जानते हैं देवी कात्यायनी की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से आपको क्या लाभ मिलेगा.
कहा जाता है, नवरात्रि के छठे दिन विधिपूर्वक पूजन करने से मां कात्यायनी की कृपा आप पर बरसती है. और मां कात्यायनी के आशीर्वाद से विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं. धार्मिक मान्यता है कि मां कात्यायनी की कृपा से योग्य वर प्राप्त होता है और विवाह से जुड़ी सभी अड़चनें भी दूर हो जाती हैं.
इसके अलावा मां कात्यायनी को यश और सफलता के प्रतिक की देवी भी कहा जाता है धार्मिक मान्यता अनुसार कहा जाता है की ब्रज मंडल की गोपियों ने कालिंदी नदी के तट पर की थी जिससे प्रसन्न होकर मां कात्यायनी, भगवान कृष्ण की गोपियों को वरदान भी देती हैं.
कहा जाता है, मां कात्यायनी ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं. धार्मिक मान्यता और शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है देवी भागवत पुराण अनुसार नौ देवियों के इस स्वरूप की पूजा करने से शरीर कांतिमान हो जाता है इसके अलावा मां के आशीर्वाद से व्यक्ति सभी रोगों और भय से मुक्त हो जाता है.
नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है और कहा जाता है मां की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा भी करनी चाहिए. कहां जाता है मां कात्यायनी को सहद का भोग में अत्यंत प्रिय है और इसके अलावा मां को पीले और लाल रंग के फूल भी अत्यंत प्रिय है इसलिए मां की पूजा के समय यह दोनों चीजेें मां को अवश्य अर्पित करें.