Ganeshwar Shastri Dravid: पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ कौन हैं, जिन्हें पद्मश्री से किया जाएगा सम्मानित
पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ मूल रूप से दक्षिण भारत से हैं लेकिन काशी में रहते हैं. ग्रह-नक्षत्र, योग, चौघड़िया के विषय में इनकी समझ अधिक गहरी है.
9 दिसंबर 1958 में काशी के रामनगर में जन्में पंड़त आध्यात्म की दनिया में गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ जाना माना नाम है. काशी में इनकी शास्त्रार्थशाला है, जहां शास्त्र, कर्मकांड की विधियां सिखाई जाती है.
गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने वेदों के अध्ययन-अध्यापन और यज्ञों के संपादन में ही अपना पूरा जीवन लगा दिया. गृहस्थी नहीं बसाई. नंगे पांव रहकर यम-नियम का पालन करते हैं.
इससे पहले अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय ये चर्चा में आए थे. इन्हीं ने रामलला की मूर्ति स्थापना का मुहूर्त निकाला था.
गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के पिता का नाम राजराजेश्वर शास्त्री द्रविड़ था, जिन्हें पंडितराज की उपाधि प्राप्ति थी.
गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को बड़े-बड़े मुहूर्त के धर्म संकटों से निकलने का महारथ है. धर्म के प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.