Shani Ki Sade Sati: शनि की साढ़ेसाती क्या होती है? जानें इसका प्रभाव
शनि की साढ़े साती साढ़े सात साल की होती है. जिस किसी के भी जीवन में साढ़े साती आती वो साढ़े सात तक रहती है, उसके 22 साल के बाद दोबारा आपको शनि की साढ़े साती आपके जीवन में आती है.
आइये जानते हैं आखिर शनि की साढ़े साती क्यों आपके जीवन में आती है. चंद्रमा से गोचर करते हुए शनि देव 12वें घर में आते हैं तो शनि साढ़े साती शुरु हो जाती है. शनि देव सभी के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. शनि की साढ़े साती में शनि देव उसी हिसाब से फल देते हैं.
शनि साढ़ेसाती 3 चरण में होती है. शनि की साढ़े साती में ढाई ढाई साल के तीन चरण होते हैं. पहला चरण- आलस्य आता है,किसी काम में मन नहीं लगता अगर मन लगता है तो आप एकाएक उसको छोड़ भी देते हैं. सोचना, विचार करना ये सब साढ़े साती के पहले चरण में बहुत ज्यादा होता है. शरीर और स्वास्थ्य में बदलाव आता है. कोर्ट कचहरी के चक्कर काटना, हॉस्पिटल के चक्कर काटना. यानि जिन पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण चल रहा होता है शनि देव उनको बहुत चक्कर कटवाते हैं.
शनि की साढ़े साती के दूसरे चरण में शनि आपसे मेहनत करवाते हैं, रिजल्ट भी आता है. आप एर्फट करते हैं और रिजल्ट भी आपको साथ-साथ मिलता है. शनि देव आपको रंक से राजा भी बना सकते हैं.जीवन में परिवर्तन लाते हैं. आईना देखा देते हैं.
शनि की साढ़े साती का तीसरा चरण पिछले दो चरणों से थोड़ा कम हानिकारक होता है. इस चरण में जातकों को वित्त संबंधी छोटी-मोटी समस्याओं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.