Sankashti Chaturthi 2023: 2 अक्टूबर को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी, ये 3 उपाय दिलाएंगे राहु-केतु के कष्ट से मुक्ति
शास्त्रों के अनुसार राहु-केतु की अशुभता को दूर करने के लिए गणपति जी की पूजा सबसे अचूक मानी गई है. गणेश जी को चढ़ाई जाने वाली दूर्वा का संबंध राहु से माना गया है. कहते हैं विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन 21 जोड़े दूर्वा गणेश जी को अर्पित की जाए तो इससे राहु जनित दोष खत्म होता है. दरिद्रता दूर होती है.
कुंडली में राहु-केतु की अशुभ हो तो मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, परिवार में कलह बढ़ जाती है. व्यक्ति गलत राह पर निकल जाता है. ऐसे में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश द्वादश स्तोत्र का पाठ करें. कहते हैं इससे राहु-केतु संतुष्ट होते हैं और परेशान नहीं करते.
केतु दोष शांत करने के लिए अश्विन माह की विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर किसी जरूरतमंद को हरे मूंग का दान करें. किसी गणेश मंदिर में क्षमता अनुसार वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं.
ये दोनों पाप ग्रह राहु-केतु करियर में बाधा डाल रहे हैं तो संकष्टी चतुर्थी से रोजाना ‘श्री गं गणपतये नमः’ का जाप करना शुरू करें. बहुत जल्द इसके शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे.
ये दोनों पाप ग्रह राहु-केतु करियर में बाधा डाल रहे हैं तो संकष्टी चतुर्थी से रोजाना ‘श्री गं गणपतये नमः’ का जाप करना शुरू करें. बहुत जल्द इसके शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे.