Vidur Niti: जिसे शास्त्र के साथ शस्त्र का भी है ज्ञान, वही कर सकता है पूर्ण प्रतिभा का प्रदर्शन
Vidur Niti: महात्मा विदुर महाभारत के सबसे लोकप्रिय पात्रों में से एक हैं. वे महान विद्वान और ज्ञानवान व्यक्ति थे. दासी पुत्र होने के बावजूद उनकी योग्यता को देखते हुए महात्मा विदुर को हस्तिनापुर के राजा पांड़ु ने राज्य का प्रधानमंत्री नियुक्त किया.
महात्मा विदुर महाराजा धृतराष्ट्र के सलाहकार थे. उन्हें कौरव और पाडव दोनों का सम्मान मिलता था. विदुर को धर्मराज का भी अवतार माना जाता है.
महात्मा विदुर जी कहते हैं कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता, बल्कि जरूरी होता है कार्य को पूरा करने के लिए जज्बा का होना. किसी भी व्यक्ति को किसी भी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए बल्कि उसे एक अवसर समझकर अपनी पूरी योग्यता के साथ उसे पूरा करना चाहिए.
विदुर जी कहते हैं कि व्यक्ति को जो भी अवसर मिले उसे पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी से पूरा करना चाहिए. नहीं तो अवसर निकल जाने के बाद व्यक्ति के पास पछतावा करने के अलावा कुछ भी शेष नहीं रहता है.
विदुर जी कहते हैं कि वही व्यक्ति अपनी पूरी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकता है जिसके पास शास्त्र के साथ शस्त्र का भी ज्ञान होता है. व्यक्ति को समय, देश, काल और परिस्थिति के मुताबिक अपने आपको सदैव तैयार रखना चाहिए.
विदुर जी कहते हैं कि व्यक्ति को शास्त्र में प्रवीण होने के साथ-साथ उन्हें शस्त्र में भी निपुण होना चाहिए, क्योंकि जब कभी भी देश की रक्षा का अवसर आए तो उनका भी योगदान लिया जा सके. इसलिए व्यक्ति को दोनों कलाओं में निपुण होना जरूरी है.