Veer Bal Diwas 2023: वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है, क्या है इस दिन का महत्व?
सिखों के दसवें गुरू गुरू गोबिंद सिंह जी के पुत्रों को सम्मान देने के लिए वीर बाल दिवस मानाया जाता है.
हर साल 26 दिसंबर के दिन को वीर बाल दिवस के रुप में मनाते हैं. इस दिन उनकी वीरता और बलिदान के रुप में याद किया जाता है.
सिखों के दसवें गुरू गुरू गोबिंद सिंह जी के चार बेटे थे. अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह - सभी खालसा का हिस्सा थे. इस दिन साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह शहीद हुए.
1699 में गुरू गोबिंद सिंह जी ने खालसा नामक सेना का गठन किया. जिसका मिशन लोगों को उत्पीड़न से बचाना था. मुगल साम्राज्य ने लिए खालसा खतरा थे. 17वीं शताब्दी में आनंदपुर साहिब से सिखों को निकाले की कोशिश की गई, लेकिन असफल रहे. कुछ समय बाद 1704 में सिखों को किला छोड़ना पड़ा.
ये समझौता किया कि अगर गुरु गोबिंद सिंह आनंदपुर साहिब छोड़ देंगे तो कोई युद्ध नहीं होगा. लेकिन गुरु गोबिंद सिंह और उनके अनुयायियों पर सरसा नदी के पास हमला किया गया. इसी हमले में उनके दो पुत्र शहीद हो गए, बाकि परिवार से अलग हो गए.