Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का है बड़ा महत्व, घर परिवार की तरक्की से जुड़ी होती है ये दिशाएं
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का खास महत्व होता है. वास्तु के अनुसार घर की हर एक दिशा पर किसी ना किसी ग्रह का प्रभाव जरूर पड़ता है. यह ग्रह घर के सदस्यों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव दोनों डालते हैं. आइए जानते हैं ग्रह और वास्तु का आपस में क्या संबंध है.
सूर्य- पूर्व दिशा सूर्य की दिशा मानी जाती है. अगर आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा की तरफ है तो इसका मतलब है कि आपके घर पर सूर्य का आधिपत्य है. सूर्य के प्रभाव से इस घर के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है और उन्हें मान-सम्मान का लाभ होता है.
चंद्रमा- घर का मुख्य द्वार उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर है तो इस घर पर चंद्रमा का आधिपत्य होता है. चंद्रमा के प्रभाव से घर के मालिक का स्वभाव चंचल और भावुक होता है. वृश्चिक और धनु राशि के जातकों के लिए यह दिशा शुभ होती है.
मंगल- घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर है तो इसका मतलब है कि आपके घर पर मंगल ग्रह का प्रभाव है. ऐसे में घर का मालिक साहसी और निडर और चंचल होता है. हालांकि मंगल के प्रभाव से घर के सदस्य अक्सर ही बीमार रहते हैं.
बुध- आपके घर का मेन गेट उत्तर दिशा की तरफ है तो आपके घर पर बुध का स्वामित्व है. बुध ग्रह को बुद्धि और शिक्षा का कारक माना गया है. बुध के प्रभाव से इस घर के सदस्य बहुत बुद्धिमान होते हैं. इस घर के सदस्यों की रुचि अध्ययन और शिक्षा क्षेत्र में ज्यादा होती है.
शुक्र- घर की दिशा आग्नेय कोण की ओर हो तो आपके घर पर शुक्र ग्रह का प्रभाव है. शुक्र का संबंध विवाह, प्रेम और ऐश्वर्य से होता है. इस घर में रहने वाले लोग बड़े शान-शौकत से रहते हैं. इस दिशा में दोष हो तो वैवाहिक जीवन दुखी रहता है.
शनि- आपके घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा की तरफ हो तो उस घर पर शनि का स्वामित्व रहता है. इस घर के मालिक का स्वभाव बहुत गंभीर होता है. यह लोग कोई भी कार्य बहुत सोच-विचार कर करते हैं. इस दिशा में दोष हो तो घर के सदस्यों की सेहत भी खराब रहती है.
राहु और केतु- घर का मुख्य द्वार अगर नैऋत्य दिशा की ओर है तो इस पर राहु और केतु का स्वामित्व रहता है. राहु-केतु के प्रभाव से इस घर के मालिक का स्वभाव गुस्सैल, तामसी और घमंडी होता है. वास्तु में इसे आसुरी दिशा माना जाता है.