वास्तु के अनुसार घर में उल्लू की मूर्ति क्यों और किस दिशा में रखनी चाहिए? जानिए इसका महत्व
धार्मिक ग्रंथों में उल्लू को माता लक्ष्मी का वाहन कहा गया है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसकी प्रतिमा को घर में रखना शुभ माना जाता है. उल्लू धन, ऐश्वर्य और बुद्धि का प्रतीक है. मान्यताओं के मुताबिक उल्लू की प्रतिमा घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होने के साथ घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
घर में उल्लू की प्रतिमा रखने से सही निर्णय लेने और अवसरों को पहचानने की शक्ति प्राप्त होती है. इसके अलावा ये आपके सोचने समझने की क्षमता पर भी अच्छा प्रभाव डालता है. जिन लोगों को व्यापार से जुड़े मामलों में आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें अपने पास उल्लू की छोटी सी प्रतिमा जरूर रखनी चाहिए.
धन से जुड़े मामलों में शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए उल्लू की प्रतिमा विशेष प्रभावी मानी जाती है. यह घर में धन वृद्धि के साथ बरकत लाने में भी सहायक है. जिन भी लोगों को बार-बार आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है, उनके लिए उल्लू की मूर्ति काफी लाभदायक मानी जाती है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, उल्लू की मूर्ति को घर के उत्तर या पश्चिम दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है. उत्तर दिशा धन और समृद्धि से जुड़ी दिशा मानी जाती है, जबकि पश्चिम दिशा स्थायित्व प्रदान करती है. इस दिशा में उल्लू स्थापित करने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
उल्लू की प्रतिमा लोहे, लकड़ी या चांदी किसी की भी ले सकते हैं. इस बात का ध्यान रखना है कि उल्लू की मूर्ति ऐसी जगह रखें, जहां बार-बार कोई इसे छू न सकें. घर के मंदिर या शौचालय के पास रखने से इसका शुभ प्रभाव कम हो जाता है.
प्रत्येक शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन उल्लू की मूर्ति की साफ-सफाई कर इसके सामने दीपक जरूर जलाएं. ऐसा करने से धन और सौभाग्य बना रहता है. उल्लू की प्रतिमा मात्र सजावट ही नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली वास्तु उपाय है, जो आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का काम करता है.