Tungnath Temple: दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर कहां है? किसने कराया था निर्माण, जानें
Tungnath Temple: तुंगनाथ पर्वत पर स्थित इस मंदिर की ऊंचाई 3640 मीटर है. तुंगनाथ मंदिर पंचकेदार (तुंगनाथ, केदारनाथ,मध्य महेश्वर, रुद्रनाथ और कल्पेश्वर) में सबसे ऊंचाई पर स्थित है. मान्यता है कि इसी स्थान पर शिवजी भुजा रूप में विद्यमान हैं. इसलिए प्राचीनकाल के इस मंदिर में भगवान शिव के भुजाओं की पूजा होती है.
Tungnath Temple: तुंगनाथ मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि, इसका निर्माण पांडवों द्वारा कराया गया था. जब महाभारत युद्ध में नरसंहार से शिवजी पांडवों से रुष्ट हो गए थे तो उन्हें प्रसन्न करने के लिए पांडवों ने इस मंदिर को बनवाया था.
इसके अलावा एक मान्यता यह भी है कि माता पार्वती ने शिवजी को पति के रूप प्राप्त करने के लिए तुंगनाथ के पास ही तपस्या की थी
चंद्रशिला के दर्शन के बिना तुंगनाथ मंदिर की यात्रा अधूरी मानी जाती है. मंदिर से कुछ ही दूरी पर चंद्रशिला मंदिर है. यहां रावण शिला है, जिसे (स्पीकिंग माउंटेन) के नाम से जाना जाता है. इस पर्वत को लेकर ऐसी मान्यता है कि, रावण का वध करने के बाद श्रीराम स्वयं को दोषी महसूस कर रहे थे. क्योंकि रावण एक महाज्ञानी पंडित और परम शिव भक्त था. रावण वध के पाप से मुक्ति के लिए यहीं पर रामजी ने शिव स्तुति की थी. तब भोलेनाथ ने राम को मुक्ति दी.
बर्फ, मखमली घास, रंग-बिरंगे फूल और बादलों की धुंध से घिरा ये क्षेत्र आपको मोहित कर देगा. जनवरी-फरवरी में तो यहां सिर्फ बर्फ की चादरें ही नजर आती है. इसलिए इस जगह को लोग मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं.
उत्तराखंड का तुंगनाथ मंदिर महादेव और पार्वती को समर्पित है. कहा जाता है कि मंदिर की खोज 18वीं सदी में संत शंकराचार्य द्वारा की गई थी. मंदिर के साथ ही यहां आसपास की सुन्दरता भी मंत्रमुग्ध करने वाली है.