कुंडली के अशुभ ग्रह शनि, राहु-केतु, मंगल और सूर्य का प्रभाव! जानें उपाय और पाएं समाधान!
हर किसी की कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति एक जैसी नहीं होती है. किसी की कुंडली में मंगल खराब होता है तो कोई राहु-केतु की अशुभता से परेशान होते हैं. कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभावों से जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
कुंडली में मंगल की अशुभता भी खराब साबित होती है. मंगल प्रभावित होने से गुस्सा आना, वैवाहिक जीवन में छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ना झगड़ना, दुर्घटनाओं का सामना करना, कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों नाम आना और रक्त तथा मांसपेशियों से संबंधित बीमारियों की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
कुंडली में सूर्य की स्थिति प्रभावित होने पर अहंकार, क्रोध, माता-पिता का आनदर करना, मान-सम्मान में कमी होना, सिर दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
कुंडली में केतु की अशुभता से अध्यात्म में अरुचि, अकेला रहने की आदत, जीवन में अस्थिरता, पारिवारिक संबंधों में तनाव, पुरानी बीमारी से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
कुंडली में राहु की अशुभता से जीवन में भ्रम, मोह, डर, मानसिक विकार, धोखा मिलना, समाज में हंसी का पात्र बनना जैसी समस्याएं आ सकती है.
कुंडली में शनि खराब होने से काम में विलंब, मानसिक तनाव, बेरोजगारी या नौकरी में समस्याएं, आर्थिक तंगी, अकेला रहने की आदत, पैरों या हड्डियों से जुड़ी हुई परेशानियां रह सकती है.
कुंडली में शनि, राहु-केतु, मंगल, और सूर्य अशुभ ग्रह कहलाते हैं. हालांकि इन ग्रहों की अशुभ स्थिति को सही करने के कुछ उपाय भी बताए गए हैं.
कुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति को सही करने के लिए नियमित रूप से पूजा-पाठ करनी चाहिए. ग्रहों के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए.दान-पुण्य करना चाहिए. नवग्रहों के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए. जीवन में सकारात्मक सोच रखनी चाहिए.