Surdas Jayanti 2024: सूरदास जी के 6 अनमोल वचन
अगर आप भगवान कृष्ण को नहीं पा सकते हैं, तो उन्हें अपने माता-पिता के अंदर महसूस करें.
सूरदास हमें सिखाते हैं कि जब भक्ति दिल से होती है, तो हमें आंखों की जरूरत नहीं होती, बस एक दयालु हृदय ही काफी होता है. सूरदास जी नेत्रहीन थे लेकिन उनकी कृष्ण के प्रति ऐसी भक्ति थी जिससे प्रसन्न होकर कान्हा ने उन्हें अत: करण में दर्शन दिए थे.
सूरदास हमें सिखाते हैं कि जब भक्ति दिल से होती है, तो हमें आंखों की जरूरत नहीं होती, बस एक दयालु हृदय ही काफी होता है.
अगर हम भगवान से प्यार कर रहे हैं, तो हम दुनिया की अच्छाई से प्यार कर सकते हैं
सूरदास जी कहते हैं -जो ईश्वर सदा अपने साथ रहने वाला है, प्राणों का भी प्राण है, उस प्रभू को तूने अनायास ही संसार की इस मोह माया में भुला दिया है.
मछली के प्रेम की निराली गति को देखो कि इसका शरीर चला जाता है तो भी उसका पानी के प्रति प्रेम रत्ती-भर भी कम नहीं होता. इसी तरह अपने चाहने वालों से आखिरी दम तक प्रेम बनाए रखें.